सच्चा प्यार और आकर्षण में क्या फर्क होता है?

आमतौर पर पहली नजर में हमें किसी का चेहरा पसंद आ जाता है, किसी की आँखें पसंद आ जाती है, किसी की मुस्कान पसंद आ जाती है, किसी का व्यवहार पसंद आ जाता है या किसी का बात करने का तरीका पसंद आ जाता है। इसे पहली नजर का प्यार कहते है, Love at first sight.

कॉलेज के दिनों में, स्कूल के दिनों में या कम उमर में होनेवाले ज्यादातर प्यार आकर्षण ही होता है। इसमें भावना तो प्यार वाली ही होती है लेकिन कम उमर होने के कारण प्यार का इजहार करने में झिझकते है।

कभी-कभी पढ़ाई-लिखाई पे ज्यादा ध्यान देने के कारण गंभीर रिश्ते के लिए तैयार नहीं होते, तो कभी-कभी भविष्य या जिंदगी के प्राथमिकता बदलने के साथ ही पहले प्यार पीछे छूट जाता है।

सच्चा प्यार और आकर्षण में क्या फर्क होता है? Pyar or attraction me fark kya hai?

सच्चा प्यार और आकर्षण में क्या फर्क होता है?
True Love VS Attraction

आकर्षण का अर्थ है अस्थायी प्रेम आकर्षण इंसान की खूबसूरती, उसके दिखावे, उसके शारीरिक प्रतिक्रिया से होती है और ज्यादातर ये एक एकतरफा होता है।

कभी-कभी दोनो तरफ से भी आकर्षण होता है। कभी-कभी सिर्फ crush बनकर ही रह जाता है और कभी-कभी आपसी समझ की वजह से एक रिश्ते का भी रूप ले लेता है।

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लेकिन आकर्षण जो होता है, temporary love होता है वो जो एक साथ कई लोगो से हो सकता है। ये जरूरी नहीं है कि हमें जिसके प्रति आकर्षण हो रहा है उसे भी हमारे अंदर कुछ बात नजर आए या हमसे प्यार हो जाए।

अगर थोड़ी बातचीत शुरू हो गई तो हम बिना सामने वाले की इच्छा जाने उसपर अपना हक नहीं जता सकते।

हम सामने वाले की सोच और इच्छा जाने बिना उसे अच्छी तरह से समझे बिना ही उनसे बहुत सी उम्मीदें पाल लेते है।

लेकिन जब सामने वाला उन उम्मीदों को पूरा नहीं कर पता है, या हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाता है तो ये आकर्षण बहुत जल्दी खत्म हो जाता है।

अगर हमारी प्यार की रफ्तार बहुत तेजी से बढ़ रही है तो समझ जाना चाहिए कि ये प्यार नहीं सिर्फ आकर्षण है।

आकर्षण वाला प्यार बहुत जल्दी शुरू होता है और बहुत जल्द बहुत कुछ पाने की ख्वाहिश में खत्म भी हो जाता है।

कभी-कभी आकर्षण सिर्फ हवस और वासना के कारण से भी हो जाता है जो दिखावे का प्यार होता है।

Attraction normally से-क्स पर आकर रुक जाता है या खत्म हो जाता है। आकर्षण किसी एक से नहीं होता है, ये एक साथ कई लोगो से हो सकता है। इसमें इंसान किसी एक आदमी के साथ बंधकर नहीं रहना चाहता है।

इसमेंं commitment की कमी होती है। अगर एक इंसान से जरूरतें पूरी नहीं हुई तो इंसान उसे छोड़कर दूसरे इंसान के पास अपनी जरूरतें पूरी करने चला जाता है। थोड़ी सी समस्या होने पर उसे छोड़ किसी दूसरे के पास चले जाते है।

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पर सच्चा प्यार (True Love) बिल्कुल अलग होता है। True Love कभी भी किसी को देखते ही नहीं होता है। सच्चा प्यार तो एक-दूसरे को जानने ओर समझने के बाद होता है।

सच्चे प्यार में कोई जल्दबाजी नहीं होती इसमें एक ठहराव होता है, इसमें दोनो की समझ होती है, एक-दूसरे पर भरोसा होता है, एक-दूसरे की इज्जत होती है।

सच्चा प्यार सिर्फ एक से ही होता है। सच्चा प्यार हमेशा के लिए होता है। ये कभी खत्म नहीं होता क्योंकि ये एक-दूसरे को जानने और समझने के बाद होता है।

सच्चे प्यार में लोग एक-दूसरे के मन से जुड़े होते है। दिल की गहराइयो से जुड़े होते है । सच्चे प्यार में commitnet होती है, जिम्मेदारी का एहसास होता है।

सच्चे प्यार करने वाले चाहे दुनिया के किसी भी कोने में हो लेकिन वो मन से, दिल से, आत्मा से हमेशा पास होते है।

एक-दूसरे के साथ होते है, एक-दूसरे के साथ जुड़े होते है। सच्चा प्यार हवस, वासना, रंग, रूप, दिखावे, खूबसूरती इन सब से परे होता है। ये दो आत्माओ का मिलन होता है।

सच्चा प्यार कभी नहीं हारता है, बेशक उसे अपनी मंजिल ना मिले लेकिन वो कभी खत्म नहीं होता है, अमर हो जाता है।

सच्चे प्यार में लोग एक-दूसरों की खुशियों खयाल रखते है, एक-दूसरे को देखभाल करते है। सुख-दुख और समस्याओं में हमेशा साथ रहते है और जिंदगी भर साथ निभाते है।

जब किसी से सच्चा प्यार हो जाता है तो उनकी feeling, उनके सपने एक हो जाते है।

हमने अभी तक जाना कि सच्चे प्यार और आकर्षण में क्या फर्क होता है। अभी तक आपको कुछ हद तक प्यार के बारे में पता चल ही गया होगा, और इसी विषय को आगे बढ़ाते हुए आज हम बात करेंगे।

अगर आजकल की पीढ़ी की बात की जाए तो हमेशा लड़के और लड़कियाँ उलझन में रहते है कि ये प्यार है कि crush या attraction।

इसीलिए आज के समय में ब्रेकअप होना आम बात हो गयी है। प्यार और आकर्षण (attraction) में ज़मीन आसमान का फर्क है, प्यार शुद्ध होता है, आप एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते है और अगर आकर्षण की बात की जाए तो आकर्षण कुछ दिन का होता है फिर उसके बाद आप किसी और पर आप आकर्षित हो जाते हो।

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प्यार और आकर्षण में क्या फर्क है?

1. प्यार – LOVE

शायद हम प्यार के बारे में जितना भी लिखे वो कम होगा क्योंकि प्यार को महसूस किया जा सकता है ना कि लिखा जा सकता है। प्यार एक अहसास है।

अक्सर प्यार के मामले में ये देखा गया है कि प्यार बहुत मजबूत होता है उसे कोई तोड़ नहीं सकता। प्यार के समय पर आप पूरी दुनिया के बारे में भूल जाते हो।

कहा जाता है कि प्यार एक ऐसा अहसास है जिसे हर किसी को नसीब नहीं होता है।

2. आकर्षण (Attraction) और Crush

Attraction का मतलब होता है किसी पर आकर्षित होना, आप इसे प्यार नहीं कह सकते हो क्योंकि प्यार मन से होता है ना की किसी कि खूबसूरती से।

आकर्षण में क्या होता है कि एक पर आप आकर्षित हुए फिर ख़त्म फिर आप किसी दूसरे पर आकर्षित हो जाओगे।

आप उस इंसान के किसी भी चीज़ पर आकर्षित हो सकते हो वो शरीर से लेकर मुस्कराहट तक भी हो सकती है।

तो सही मायने में आप इसे प्यार नहीं कह सकते। आकर्षण की भावना अलग है और प्यार की अलग।

Different Between Love And Attraction In Hindi

वैसे तो हमने उपर बता ही दिया है पर इस भाग में हम आपको पूरी तरह से बताएँगे। तो इन्हे पढ़े और समझे।

1. प्यार में आप एक दूसरे को बहुत पसंद करते हो पर आकर्षण में दूसरी तरह का पसंद होता है

जब आप प्यार में होते हो तो आपका साथी ही आपके लिए सब कुछ होता है, पूरी दुनिया एक तरफ अलग और आपका साथी अलग। आप अपने साथी को इतना प्यार करते हो कि आप उसके बिना रह नहीं सकते।

अगर आपका साथी 2 मिनट के लिए भी इधर-उधर हो जाए तो आपको बैचैनी सी होने लगती है, असल में इसे प्यार कहते है।

आकर्षण के मामले में ऐसा कुछ नहीं होता है, 2 दिन का आकर्षण होता है फिर ख़त्म। अगर आकर्षण की बात की जाए तो इसमें जरुरत होती है, एक बार जरुरत ख़त्म हो गयी तो आकर्षण ख़त्म।

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2. प्यार में एक दूसरे पर भरोसा होता है पर आकर्षण में संदेह होती है

आपने अक्सर देख होगा या सुना होगा कि किसी का ब्रेकअप हो गया, किसी की सालों का रिश्ता ख़त्म हो गयी आदि, अगर ऐसा किसी के साथ होता है तो आप उनके रिश्ते को शुद्ध प्यार नहीं कह सकते।

आप इसे थोड़ा बहुत आकर्षण कह सकते हो। कोई भी रिश्ता तब टूटता है जब आपका एक दूसरे पर भरोसा ख़त्म हो जाता है।

3. प्यार में जिंदगी अच्छी लगती है पर आकर्षण में जीवन मुश्किल

अगर आप किसी के साथ true love में हो तो आपको मुश्किल जिंदगी भी अच्छी लगती है। आपको कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आपके पास 1000 का नोट है की 100 का।

आप हर स्तिथि का सामना हंसते हुए करते हो पर आकर्षण के मामले में अगर जिंदगी मुश्किल लगती है तो रिश्ता टूट जाता है।

आपने अक्सर शादीशुदा जिंदगी, प्रेम विवाह जीवन में रिश्ते को टूटते हुए सुना या देखा होगा। इन सब रिश्तों के टूटने का कारण प्यार का ना होना था।

4. प्यार में आप भविष्य की सोचते हो पर आकर्षण में नही

अक्सर आपने देखा या सुना होगा कि किसी का रिश्ता 2 दिन या 1 महीने चलने के बाद टूट गया। आप ऐसे रिश्तों को प्यार नहीं कह सकते हो, आप इसे आकर्षण कह सकते हो।

जो जोड़े पूरे प्यार में होते है वो भविष्य तक की सोचते है पर आकर्षण के मामले में ऐसा नहीं होता है। हमने आपको पहले ही बताया था कि आकर्षण में जरूरतें होती है।

5. प्यार में आप त्याग कर सकते हो पर आकर्षण में नही

त्याग (Sacrifice) हर कोई नहीं कर सकता, इसलिए आपके पास कोई ऐसी चीज़ होनी चाहिए जिसे आप अपने से भी ज़्यादा प्यार करते हो। और वो तब हो सकता है जब आप किसी को सच्चा प्यार करते हो।

आकर्षण के मामले में ऐसा नहीं होता है। जब आप किसी के साथ सच्चे प्यार में होते हो तो सहज रूप में आपके मन में भविष्य के बारे में बात आ जाती है। आप अपने साथी के साथ सपने सजाने लग जाते हो।

5 thoughts on “सच्चा प्यार और आकर्षण में क्या फर्क होता है?”

  1. Sir main preshan hu bahut jyada kya krun aap hi btaye hamare bech ldai bahut hoti hai sir kya krein jo ladai band ho jaye sir pls tell me pls pls pls pls main bahut dhukhi hu mera naam suraj hai

    1. सूरज जी पहले तो आपको ये समझना होगा कि आप दोनों के बिच लड़ाई किस वजह से होती है , अगर लड़ाई की वजह आप है तो आप अपने आपको सुधारे .. अगर लड़ाई की वजह आपकी partner है तो , उनके साथ झगड़ा करके झगड़े को न बढ़ाये … उनसे पूछे की क्यूँ वो आपसे नाराज है .. उनकी नाराजगी को दूर करने की कोसिस करें..

  2. Sir mera partner mujhe bahut pyar karte hai mai bhi karti hu par unki mai baat ni sunti hu preshan karti hu kya karu mai bahut kosis karti hu thik rahe par hota hi nahi hai kya karu plzz reply

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