लोभ का फल – Moral Story In Hindi

लोभ का फल – Moral Story In Hindi, Hindi moral story: रामगढ़ नमक गाँव में एक गरीब नाई रहता था। दिनभर बाल बनाने से जो कुछ मिलता, उसी में वह अपने परिवार का गुजरा करता था। पर एक दिन नाई के भाग्य खुल गए। उसे कहीं से एक मुर्गी मिल गई।

वह मुर्गी रोज सुबह सोने का अंडा देती थी। इससे कुछ ही दिनों में नाई अमीर बन गया। अब नाई के दिन बहुत सुख-चैन से बितने लगे। अब तक उसकी पत्नी दूसरों के घर काम करती थी, पर अब उसे कोई कामकाज करने की जरुरत ही न रही। धीरे-धीरे सारे गाँव में नाई की इज्जत बढ़ गई।

एक दिन नाई ने सोचा – यह मुर्गी रोज सोने का अंडा देती है। इसके पेट में तो ऐसे बहुत से अंडे होंगे। इसका पेट चीरकर सारे अंडे एक साथ ही निकाल लूं, तो रोज-रोज की यह खटपट दूर हो जाए और मैं एक ही दिन में लखपति बन जाऊं।

फिर नाई ने चाकू लिया और बिना अधिक सोच-विचार किये उसने मुर्गी का पेट चिर डाला। मुर्गी के शरीर से रक्त की धर बहने लगी। वह बेचारी एक बार चीखी और छटपटाकर मर गई।

नाई को उसके पेट में से सोने का एक भी अंडा नहीं मिला। नाई सर पटककर रह गया। उसने सोचा – पहले रोज एक अंडा मिलता था, वह भी अब बंद हो गया। हाय, मैंने लालच में पड़कर सोने के सब अंडे गँवा दिए। नाई के पछतावे का पार न रहा।

सीख – सचमुच, लालच बुरी बाला है। लोभी और लालची का सर्वनाश होता है।

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