पीरियड के समय खून क्यों निकलता है? पीरियड में Bleeding क्यों?

Period me khoon kyu aata hai? Period ke douran bleeding kyu hoti hai? Period me khoon kyu nikalta hai? किशोरावस्था शुरू होने के साथ ही स्त्री योनी से जो स्राव (secretion) होता है, उसे मासिक धर्म या पीरियड कहते हैं।

हर स्त्री के लिए यह एक बहुत जरूरी प्राकृतिक क्रिया है, क्योंकि उसके स्वास्थ्य, सौंदर्य और संतान सुख का इससे गहरा संबंध होता है।

स्त्री जीवन पर भी इसका इसके नियमीय या अनियमित होने का बहुत प्रभाव पड़ता है।

स्त्री को मासिक धर्म (period) आना इस बात का संकेत है कि उसके प्रजनन संबंधी अंग पुष्टता को प्राप्त हो रहे हैं और अब वह बच्चा पैदा करने के योग्य बनने जा रही है।

आमतौर पर दो पीरियड के बीच 28 दिनों का अंतर होता है, लेकिन यह अंतर कम या ज्यादा दिनों का भी हो सकता है।

पीरियड में खून आना 3-4 दिनों तक होता है।

किसी-किसी को 5-6 दिनों तक भी खून आ सकता है। एक दिन में खून 50 से 100 ml तक होती है, इसकी मात्रा कम या ज्यादा हो सकती है।

खून का रंग कुछ कालापन लिए हुए लाल होता है, जो जल्दी जमता नहीं। अब बात करते है कि पीरियड के दौरान योनी से खून क्यों निकलती है?

पीरियड के दौरान खून क्यों निकलती है?

आप महिला हो, लड़की हो तो आपको ये तो ज़रुर पता होगा कि एक निश्चित समय के बाद पीरियड शुरू होती है, किसी का 28 दिन के बाद शुरू होता है तो किसी का 30 दिन बाद, लेकिन पीरियड होती ज़रुर है।

हर महीने ये चक्र चलता ही रहता है।

इससे एक बात सामने ज़रुर आती है कि आपका शरीर ही आपके पीरियड होने और पीरियड के दौरान खून निकालने में जिम्मेदार है।

जैसा कि मैंने आपको बताया कि पीरियड का सीधा-सीधा ताल्लुक प्रेगनेंसी यानि कि गर्भधारण से ही होता है।

अगर आपका पीरियड नियमित रूप से हो रहा है तो आप संतान सुख को हासिल कर सिकती हो।

एक महिला कैसे गर्भवती होती है इसके बारे में हमने अपने पिछले आर्टिकल में पूरी जानकारी दी है, पीरियड के दौरान खून क्यों निकलता है? इसके बारे में जानने के लिए आपको ये भी जानना होगा कि एक महिला गर्भवती कैसे होती है? तो चलिए इसके बारे में हम आपको थोड़ी जानकारी यहाँ पर दे देते है।

एक महिला को गर्भवती होने के लिए पुरुष शुक्राणु कि जरुरत होती है जो कि शारीरिक संबंध बनाने के दौरान इसकी पूर्ति होती है।

जब पुरुष का शुक्राणु महिला के गर्भाशय में जाता है तो वह मौजूद महिला डिम्ब शुक्राणु से मिलकर धीरे-धीरे एक बच्चे का स्वरूप ले लेता है।

महिला के गर्भाशय के किनारों पर हर महीने एक खून कि परत बनती है, जो कि पुरुष के शुक्राणु और महिला डिम्ब के मिलने पर उन्हें उचित ढांचे में ढालने का काम करती है और एक बच्चे के स्वरूप में ढालने का भी काम करती है।

तो आपको इतना तो समझ में आ ही गया होगा कि जब पुरुष का शुक्राणु गर्भाशय में जाता है तो गर्भाशय में मौजूद खून कि परत उसकी सहायता करता है बच्चे का स्वरूप लेने में।

अब आप ही सोचिये कि अगर पुरुष शुक्राणु महिला के गर्भाशय में कब जायेगा? जाहिर सी बात है जब आप किसी पुरुष के साथ संबंध बनायेंगी, आपकी शादी हो जाएगी।

लेकिन अगर पुरुष शुक्राणु महिला के गर्भाशय तक ना जाए तो? ऐसे में महिला के गर्भाशय में जो खून कि परत है वो टूटने लगती है और योनी के रास्ते बहार निकल जाती है।

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मासिक धर्म (period) के दिनों में स्त्री के शरीर से एक विशेष प्रकार की दुर्गंध आती है, जो शरीर के भीतर होने वाले कुछ बदलाव के कारण और स्राव का हवा में संपर्क होने के कारण उत्पन्न होती है।

इस दुर्गंध के कारण स्त्री बहुत परेशान रहती है, मन में guilt feel करती है और लोगों के बिच बैठने, जाने से घबराती है।

दुर्गंध दूर करने के लिए शरीर और यौनांग के आसपास सुगंधित पाउडर या अच्छे deodorant का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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