जहाँ चाह है वहाँ राह है- निबंध

चाह का मतलब है – प्रबल इच्छा या महत्वाकांक्षा। मानव-शक्ति की कहीं-न-कहीं सीमा होती है। इसलिए मनुष्य जितना सोच सकता है, उतना कर नहीं सकता। उसकी सारी इच्छाएं कभी पूरी नहीं हो सकती। उसकी वे इच्छाएं ही पूरी होती हैं जिनके पीछे उसके मन की शक्ति होती है। जब आदमी की चाहत उसका इरादा बन जाती है, तो उसकी पूर्ति के लिए रास्ते निकल ही जाते हैं। संकल्प की दृढ़ता के सामने कोई बाधा ठहर नहीं पाती।

मनुष्य की चाहत में अपार क्षमता होती है। संकल्प की शक्ति पर्वतों को भी हिला सकती है। आदमी ने पक्षियों की तरह उड़ना चाहा, तो उसने हवाई जहाज बनाया और वह गगनविहार करने लगा। जलयान बनाकर वह महासागर के सीने पर जलक्रीड़ा कर रहा है।

प्राचीन काल में कठोर तप करने के पीछे अपनी किसी-न किसी चाह को पूरा करने का निश्चय ही होता था। राजा भागीरथ गंगा को पृथ्वी पर लाना चाहते थे। उन्होंने उग्र तप कर भगवान शिव को प्रसन्न किया और उनके आदेश से गंगा का पावन प्रवाह भारत में आया। वास्तव में संसार में कुछ भी असंभव नहीं है। आदमी चाहे, तो स्वर्ग को भी धरती पर उतार सकता है।

जहाँ चाह, वहाँ राह‘ यह कहावत इतिहास में अनेक बार सिद्ध हो चुकी है। इसी चाह के बल पर ही छोटी-सी रियासत का मालिक बाबर दिल्ली का बादशाह बन सका था। औरंगज़ेब के जुल्मों से प्रजा को मुक्ति दिलाने की चाह के बल पर ही शिवाजी ने ‘हिंदवी स्वराज्य ‘ की स्थापना की थी। अपनी प्रिय बेगम का अद्वितीय स्मारक बनाने की चाह के कारण ही मुगल सम्राट शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण कराया था।

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अपने देशवासियों को सस्ती और बढ़िया कार उपलब्ध करने की चाह ने ही ford नामक एक मामूली आदमी को दुनिया की एक प्रतिष्ठित motor company का मालिक बना दिया था।

विज्ञान के क्षेत्र में प्राप्त महान सिद्धियाँ दरअसल वैज्ञानिकों की चाहतों का ही परिणाम है। महान कलाकृतियां उनके कलाकारों की चाहत का ही फल है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जो भी कुछ है, वह हमारी चाहत का ही नतीजा है।

इसमें संदेह कि सच्ची चाह अपनी पूर्ति का उपाय ढूंढ ही लेती है। लेकिन इसके लिए व्यक्ति में क्षमता, धीरज, श्रम, सहिष्णुता, त्याग और समर्पण की भावना होनी चाहिए। मानव सभ्यता और संस्कृति में आने वाले नए-नए परिवर्तन ‘जहाँ चाह, वहां राह‘ कहावत की सच्चाई पेश करते हैं।

प्रत्येक महापुरुष का जीवन इस कहावत का ज्वलंत द्रष्टांत है। इस कहावत को सच साबित करते हुए मानव-जाती भविष्य में भी अपनी चाह के लिए राह पाने ए सफल होगी।

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