सोने के हंस – पंचतंत्र कि कहानी

HOne ka hansh, panchtantra ki kahani.. चंदन नगर में कभी चित्रदत्त नाम का राजा राज्य करता था, उसके यहां एक तालाब पर हर समय राजा के सिपाही पहरा देते थे। बात यह थी कि उस तालाब में बहुत से सोने के हंस रहते थे। हर छठे महीने ये राजा को अपना एक-एक पंख दिया करते थे।

सोने के पंख पाकर राजा बहुत खुश था और हंस भी बहुत खुश थे, इसलिए यह तालाब हंसों को बहुत पसंद था।

एक बार सोने का एक बड़ा हंस कहीं से तालाब में आ पहुंचा। जैसे ही वह पानी में उतरने लगा। वहां रहने वाले हंसों ने कहा – तुम इस तालाब में नहीं रह सकते। जानते हो यहां रहने के लिए हमें कितना मूल्य चुकाना पड़ता है? हम हर छठे महीने राजा को अपना एक-एक पंख देते हैं। अब यह तालाब केवल हमारा है। यहां और कोई नहीं रह सकता। कोई और ठिकाना खोजो।

उस हंस ने कहा – मैं भी तुम्हारी तरह अपना पंख दे दिया करूँगा। भला इसमें तुम लोगों को क्या आपत्ति है।

तालाब के हंसों में से एक ने कहा – नहीं-नहीं, हम किसी और हंस को यहां नहीं रहने देना चाहते। हम नहीं रहने देंगे।

मैं रहूंगा।

तू-तू मैं-मैं बढ़ चली और बाहर से आया हुआ वह हंस उड़कर राजा के पास पहुंचा।

हंस ने राजा को भड़काते हुए कहा – महाराज, आपके सरोवर के हंस मुझे अपना साथी नहीं बनाना चाहते। मेरे वहां रहने से तो आपको लाभ ही होता। आपको सोने का एक और पंख मिल जाता और फिर मेरा पंख तो बाकी हंसों के पंखों से बड़ा है। मैंने जब उनसे कहा कि महाराज के पास जाऊंगा, तो बोले कि हमें किसी महाराज-वहराज का डर नही है।

रजा क्रोध में आग-बबुला हो गया और बोला – मेरे आश्रय में पलने वाले हंसों की यह मजाल है, मैं अभी उन्हें मजा चखाता हूं।

और फिर राजा ने अपने नौकर को बुलाकर कहा – तालाब के सभी हंसों का काम तमाम कर दो। उन्हें अपने किये का फल भी मिल जायेगा और मुझे ढेर सारा सोना भी।

उधर जब हंसों ने राजा के कर्मचारियों की लाठियां लिये हुए आते देखा, तो उनका माथा ठनका।

और उनमें से एक वृद्ध हंस ने कहा – साथियों मुझे तो कुछ गड़बड़ जान पड़ती है।

दूसरे हंस ने कहा – हाँ, मुझे भी ऐसा लगता है।

इसलिए अब आपस में विवाद करने और लड़ने-झगड़ने का समय नहीं है, अब एक ही रास्ता है।

वह क्या?

हम सब एक साथ यहां से उड़ जाए।

और फिर देखते ही देखते तालाब के सारे हंस एक साथ उड़ गये।

राजा अपने आश्रय में पलने वाले हंस पर दया ना करके उन्हें मार डालने की आज्ञा देकर कितना सोना खो बैठा।

इसलिए दोस्तों कहते हैं ना कही-सुनी बातों पर भरोसा मत करो।

ये कहानी भी पढ़े –

अगर आप एक website बनवाना चाहते हो, या फिर अपने blog का setup करवाना है तो आप हमसे whatsapp के जरिये संपर्क कर सकते हो, हमारा whatsapp नंबर है: 9583450866

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

Scroll to Top