सही फैसला कैसे ले? सही Decision कैसे ले?

हर कोई हर रोज अपनी जिंदगी में छोटे से लेकर बड़े फैसला लेता है, ऐसे में आपके लिए कोई फैसला सही रहता है तो कोई गलत रहता है बस इसी तरह से जिंदगी चलती रहती है। पर आप में से कई लोग ऐसे होते है जो चाहते है कि उनका हर छोटा या बड़ा फैसला सही हो और वो जिंदगी में कही पर भी गलती न करे।

ऐसे में उन लोगो के मन में ये सवाल चलता रहता है कि ये मैं कैसे जानू कि जो मैं फैसला ले रहा हूं वो सही है? या सही फैसला कैसे लू? देखो दोस्तों अगर आप अपने फैसला में पूरा भरोसा है तो वो फैसला आपके लिए सही रहने वाला है लेकिन अगर आपके मन में उस फैसले के लिए कुछ शंका है तो आपको अपने फैसले को बदलने की जरुरत है। इस आर्टिकल में हम आपको कुछ सरल तरीके बताने वाले है जो आपको अच्छा फैसला लेने में सहायता करेगी।

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सही फैसले के लिए अपने डर को खत्म करे

दोस्तों जैसा की हमने आपको ऊपर बताया था कि जिस फैसले में आप comfortable महसूस करते हो तो वो फैसला हमेशा सही रहता है लेकिन जिस फैसले में आप कुछ डर या शंका महसूस करते हो वहां पर गड़बड़ हो जाती है। ऐसे में आपको अपनी शंका या डर को खत्म करने की जरुरत है। नीचे हमने कुछ तरीके बता रखे है, हमे उम्मीद है कि इससे आपका काम बन जायेगा।

1. अपने डर की लिस्ट बनाए

अचानक से लिया गया फैसला 100% की तुलना में 60% हमारे खिलाफ होता है। तो अगर आप चाहते है कि जिस फैसले में आपको डर या शंका लग रही है उसकी एक लिस्ट बनाए। एक कागज में अपने फैसले के बारे में लिखे और ये भी लिस्ट बनाए कि आप किस शंका या डर की वजह से अपना फैसला अच्छे से नहीं ले पा रहे है। अब एक-एक करके अपने डर या शंका की लिस्ट को पढ़े और ठंडे दिमाग से सोचे। इस तरह से आप अच्छे से अपने शंका या डर को judge करोगे और सही फैसला ले पाओगे।

उदाहरण के लिए- मान लीजिए कि आप job छोड़ना चाहते है और आपके लिए ये फैसला कर पाना मुश्किल हो रहा है कि job छोडू की नहीं। आपको मुश्किल इसलिए हो रही है क्योंकि आपके मन में ये शंका या डर है कि कही job छोड़ने के बाद किसी दूसरी जगह पर job न मिली तो मैं क्या करुंगा।

इस तरह के ओर भी शंका या डर आपके मन में चल सकते है। तो जैसे कि हमने आपको ऊपर बताया था कि एक कागज में अपनी समस्या लिखे और आपके मन में जो-जो शंका या डर है उसकी एक लंबी चौड़ी लिस्ट बनाए। अब एक-एक करके अपने शंका या डर को सुलझाए।

जैसे कि – अगर आपके मन में job न मिलने की चिंता है तो अपनी job को अभी मत छोड़े और दूसरी जगह job मिलने के बाद पुरानी वाली job छोड़ दो। बस इसी तरह से अपनी सभी शंका या डर को एक-एक करके खत्म करे। जो आप आखिर में फैसला लोगो, कसम से वो आपके लिए बेहतर होगा।

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2. ज्यादा सोचना बंद करे

कई बार क्या बहुत बार सभी के साथ ऐसा होता है कि जब हम किसी फैसले को लेने से डर जाते है तो हमारा दिमाग उस फैसले के बारे में ज्यादा सोचने लग जाता है। ज्यादा सोचने के चक्कर में हम अपनी सोचने की शक्ति को खत्म कर देते है और जो फैसला हम लेते है वो 100% हमारे खिलाफ रखता है।

तो जब भी आपके सामने एसी स्तिथि आ जाए तो ज्यादा सोचना बंद करे। अगर आपको लगे कि आप अपनी सोच पर नियंत्रण नहीं पा रहे है तो उसी समय deep breathing करना शुरू कर दे। Deep breathing में आपको जमीन पर बैठना होता है, दोनों आंखे बंद करें और नाक से साँस ले। अब साँस को 5 से 6 सेकंड तक रोके और मुंह ने धीरे-धीरे छोड़े। इसी तरह 10 मिनट तक करे।

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3. दिल की सुने की दिमाग की?

ये वाला सवाल आपके लिए बहुत दिलचस्प होने वाला है कि डर के समय पर किसकी सुने दिल की या दिमाग की? अगर आप हमसे पूछे तो हम कहेंगे कि अगर आप दिल और दिमाग को संतुलन लेकर चले तो आप सही फैसला ले सकते हो।

उदाहरण के लिए – मान लो कि आपके घर वाले घर बदलने को कह रहे है और घर बदलने को आपका दिल नहीं मान रहा है। तो ऐसे में अपने दिल की ही न सुने बल्कि दिमाग से भी काम ले। ये देखे कि आपके घर वाले घर बदलने के लिए क्यों कह रहे है? क्या उन्हें कोई समस्या हो रही है? इस तरह दिल और दिमाग को संतुलित रख कर आप सही फैसला ले सकते है।

फैसला कैसे ले? Decision कैसे ले?

दोस्तों इस भाग में हम आपको ये बताएँगे कि जिंदगी में सही फैसला कैसे ले? नीचे कुछ तरीके बताए गए है इन्हें पढ़े और समझे कि हम क्या कहना चाह रहे है।

1. किसी की सहायता ले

अगर आप किसी फैसला में बहुत फंस गये है तो ऐसे में आपको किसी की सहायता लेनी चाहिए। किसी ऐसे को अपनी समस्या बताए जिसपर आपको बहुत भरोसा हो, वो कोई भी हो सकता है जैसे कि – आपका दोस्त, family member, कोई बुजुर्ग व्यक्ति। अपनी समस्या को share करने से आप अच्छा महसूस करोगे और आपको सही सुझाव मिलेगा।

2. फैसला कुछ भी हो बस काबुल करना सीखे

कुछ फैसला आपको लगता होगा कि ये सही है लेकिन बाद में जाकर आपको महसूस होता है कि आपका फैसला गलत था। तो ऐसे में कई लोग अपनी गलती को दिल में बैठा लेते है और गम में खोए रहते है। ऐसा आपको करना नहीं है, आपका फैसला जो मर्जी हो बस काबुल करना सीखे और अपने हर फैसले से कुछ न कुछ सीखते रहे।

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