AcchiBaat.com का सफ़र ब्लॉग से Adsense तक

AcchiBaat.com की तरफ से आप सभी पाठकों को रवि साव का नमस्कार, हम आप सभी के शुक्रगुज़ार है कि आज ABC (acchibaat.com) ने नया मुकाम हासिल कर लिया। कोई भी वेबसाइट के owner का यही सपना रहता है कि उसका website adsense approved हो, पर दुख की बात यह है कि सभी के साथ ऐसा नहीं हो पता। Google Adsense कि कुछ rules & regulation है जिसके तहत आपका adsense application review होता हैं। मैंने ABC 25th february 2016 में शुरू की जो की एक google blog है। पहले मैंने इस blog का नाम fairidea.blogspot.com रखा था।

Update: अब हमारा ब्लॉग wordpress पे hosted है.

March में मैंने एक domain खरीदने का सोचा,  fairidea.com available था पर बड़ा ही महँगा था, लगभग 32000 रूपए, इसलिए मैंने acchibaat.com को buy किया। और इससे बना ABC

फिर मैंने लिखना शुरु किया जो दिल कहता मैं लिख देता, लगभग 100 लेख लिखने के बाद मैंने पहली बार adsense के लिए apply किया। मुझे पता था कि मेरा application reject हो जायेगा, और ऐसा ही हुआ ‘ due to insufficient contain my adsense application rejected ‘। पर इसका मुझे कोई दुख नहीं हुआ क्योंकि मुझे पता था कि मेरा adsense application reject होने वाला है।

अब insufficient content को कैसे sufficient content बनाया जाए इसके लिए मैंने और भी लेख लिखने शुरू की। और फिर से मैंने adsense के लिए apply किया, अब मेरे ब्लॉग में 180 पोस्ट हो चुके थे। लेकिन इस बार फिर मेरे application को ख़ारिज कर दिया गया, वजह वही थी ‘ insufficient content ‘। इस बार थोड़ा दुख हुआ पर मैंने हार नहीं मानी और फिर से अपने daily post publishing में लग गया।

एक बात मैं ज़रूर बताना चाहूँगा ABC के पाठकों को कि मैं OCL India Limited में कार्य करता हूं, और मेरा duty schedule ऐसा है की मैं दिन में कभी नहीं blogging कर सकता, job complete कर, मैं around 5:30pm घर वापस आता हूं। अब मैं घर पर तो आ गया लेकिन मेरी cute सी बेटी ‘ प्रतीक्षा ‘ जो की सिर्फ 10 महीने की है, उसके साथ मैं समय बिताता हूं। मेरी बेटी बड़ी नटखट है, और जब भी मैं laptop ले के blogging करने बैठता हूं तो मेरी बेटी laptop में हाथ पैर मरती है, इसलिए blogging शुरु करने से पहले ये ज़रुरी हो जाता है की मेरी बेटी सो रही हो। जब मेरी बेटी सो जाती है तो मैं blogging करता हूं, around 9:00 pm to max. 2 pm। मतलब average में daily बिना एक दिन छोड़े मैं 4 घंटे blogging में बीतता हूं।

Update: मैंने full time blogging करने के लिए अपने job से 31 मार्च 2017 में resign कर दिया। अब मैं पूरा समय अपने ब्लॉग को देता हूँ।

अपने काम के अलावा blogging मेरा passion है, मैं daily 2 लेख ज़रुर लिखता हूं, जब मैंने 230 post publish किए तभी फिर से मैंने adsense के लिए apply किया। इस बार फिर से मेरा application reject हो गया। पर इस बार due to ‘ your website is not compile with adsense policy ‘। अब ये क्या था मुझे कुछ समझ में नहीं आया। इसके लिए मैंने google support forum का सहारा लिया। कई सुझाव मिले जिससे मैं motivate होने की बजाय demotivate हो गया।

ये मेरा personal experience है कि google support forum में जो भी suggestion मिलते है वो सारे कुछ हद तक बेकार है। जब मेरा application तीसरी बार reject हो गया तो मैंने support forum का सहारा लिया और मुझे expert से ये पता चला की मेरा site बेकार है, google adsense कभी भी acchibaat.com को approved नहीं करेगा क्योंकि acchibaat.com के containt ठीक नहीं है और acchibaat.com से भी better content already available है दूसरे website पे। मुझे motivate करने की बजाय उन्होंने मुझे demotivate किया और कहा adsense तो आपका applicatin नहीं approve करेगा इसलिए आप दूसरे marketing site पे try करें।

ये सुन के कुछ समय तक मेरा दिमाग काम करना बंद कर दिया, मगर मुझे खुद पर पूरा भरोसा था कि मेरी मेहनत बेकार नहीं जाएगी। तब मैंने अपनी website को खोला और अच्छी तरह से देखा। मेरी अन्तरात्मा से आवाज़ आई कि रवि तू कर सकता है, ये तेरा website है जिसे तूने बड़ी मेहनत से बनाया है। इतनी मेहनत करने के बाद पीछे हटना ठीक नहीं।

तब मैंने अपने website के look को थोड़ा change किया, एक अच्छे सा ABC का logo बनाया जिसे बनाने में मुझे 4 घंटे लग गए। website का background और color भी change कर दिया।

तीसरी बार जब मेरा application reject हुआ, ठीक उसके दूसरे दिन मैंने फिर से adsense के लिए apply किया। रोज की तरह मैं blog post कर रहा था but अब में थोड़ा de-energies हो गया था। 30 जून 2016 को ठीक 10:10 pm को एक mail आया। उस mail को जैसे ही मैंने पढ़ा मेरे आँखों में आँसू आ गये। ये आँसू ख़ुशी के थे।  मेरा adsense application approved हो चुका था। ये मेरे लिए बड़े फक्र की बात थी।

दोस्तों हमने बचपन में पढ़ा था ‘ कोशिश करने वालों की हार नहीं होती ‘। पर हम ये भूल चुके हैं। मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है मगर इसके लिए काबिल बनना पड़ेगा, इसके लिए कड़ी मेहनत और dedication भी होनी बेहद जरूरी है।

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