पढाई-लिखाई

नारी और शिक्षा- निबंध

नर और नारी वो दो पहिये है, एक के भी अभाव में पूरे समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती, कोई भी समाज तभी विकास कर सकता है जब दोनों सामान रूप से शिक्षित हो। शिक्षा का नारी जीवन में बहुत ज़रुरी है एक कुशल गृहिणी होना अनिवार्य है, शिक्षा ना सिर्फ नारी को […]

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मेरा प्रिय खिलाड़ी- निबंध

मेरा प्रिय खिलाड़ी- निबंध, Hindi essay: महानता के फूल प्रत्येक क्षेत्र में खिलते हैं। खेलों की दुनिया में भी अपनी खुशबू फैलाने वाले लाजवाब फूलों की कमी नहीं है। आज क्रिकेट जगत में महकते फूलों में सचिन तेंडुलकर एक बहुत ही लोकप्रिय नाम है। सचिन के बिना भारतीय टीम अधूरी लगती है। पाँच फुट चार

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जहाँ चाह है वहाँ राह है- निबंध

चाह का मतलब है – प्रबल इच्छा या महत्वाकांक्षा। मानव-शक्ति की कहीं-न-कहीं सीमा होती है। इसलिए मनुष्य जितना सोच सकता है, उतना कर नहीं सकता। उसकी सारी इच्छाएं कभी पूरी नहीं हो सकती। उसकी वे इच्छाएं ही पूरी होती हैं जिनके पीछे उसके मन की शक्ति होती है। जब आदमी की चाहत उसका इरादा बन

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मेरे प्रिय शिक्षक (अध्यापक)- निबंध

मेरे प्रिय शिक्षक (teacher)- निबंध, Hindi essay: अपने छात्रजीवन में मुझे अनेक शिक्षकों से स्नेह तथा मार्गदर्शन मिला है, लेकिन इन सबमें सुरेंद्र शर्मा मेरे प्रिय अध्यापक रहे हैं। सचमुच, उनके जैसा अपार ज्ञान, असीम स्नेह और प्रभावशाली व्यक्तित्व बहुत कम अध्यापकों में पाया जाता है। शर्माजी का कद लंबा और रंग गोरा है। उनकी

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विज्ञान- वरदान या अभिशाप? निबंध

आज का युग विज्ञान के आविष्कारों और चमत्कारों का युग है। जीवन के हर एक क्षेत्र में विज्ञान ने क्रांति कर दी है। बिजली की खोज विज्ञान की एक बहुत बड़ी सिद्धि है। बिजली आज हमारा भोजन पकाती है, कमरा साफ करती है, पंखा चलाती है, प्रकाश देती है। अनेक कारखाने उसी की उर्जा से

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