फूलों में सुगंध और रंग कहां से आते हैं ? फूलों में सुगंध उनमें पाए जाने वाले भिन्न-भिन्न तेलों के कारण होती है। ये तेल पुलों की फंखुड़ीयों में पाए जाते हैं। ये फंखुड़ीयों में पौधे के बढ़ने की क्रिया में ही उत्पादित होते हैं। ये आवश्यक तेल मिश्रित तत्व होते हैं। किसी विशेष कारणवश अथवा वातावरण में ये तेल खंडित होकर, उड़ने वाले तेल का रूप ले लेते हैं। उड़कर ये हवा में मिल जाते हैं। इन्ही तेलों की भिन्न-भिन्न गंध हम फूलों की सुगंध में सूंघते हैं।
सुगंध की मित्रता तेलों की अलग-अलग बनावट पर निर्भर है। सुगंध फूल के अतिरिक्त पौधों के पत्तों, छाल, जड़, फल तथा बीज में भी होती है। उदाहरण के लिए संतरे तथा निम्बू के फल में, बादाम के बीज में, दाल-चीनी की छाल में, तथा गाजर की जड़ में सुगंध पाई जाती है।
फूलों को लाल, जमुनी, नीला तथा बेगानी एक विशेष रंगद्रव्य ynthrosaynik द्वारा प्राप्त होता है। ये रंगद्रव्य फूलों के अणुओं में घुला होता है। दूसरे रंग जैसे पिला, नारंगी तथा हरा इत्यादि दूसरे प्रकार के रंगद्रव्य carotin द्वारा फूलों में मिलता है। इस प्रकार फूलों को रंग दो प्रकार के रंगद्रव्य द्वारा मिलते हैं।
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