Anger ko control kaise kare? Gussay ko kabu me kaise kare? आज हम आपको गुस्से को control करने के लिए 13 ऐसे तरीके बताएँगे जिसको आपने कभी न सुने होंगे और न ही कहीं पढ़ें होंगे। हमारे दैनिक जीवन में positive और negative दोनों तरह की घटनाएँ होती रहती है। Positive घटनाओं पर तो हम खुश होते है पर negative घटनाओं पर हम गुस्सा करते है।
आजकल जिंदगी इतनी व्यस्त हो गई है कि छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता है, जिससे हमें काफी नुकसान उठाना पड़ता है। गुस्सा करने से हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है, इससे बहुत से लोग depression का शिकार भी हो जाते है और उनका blood pressure भी बढ़ जाता है।
आज का दिन अच्छा नहीं है। किसी ने कुछ कह दिया है और दिमाग काफी खराब हो रखा है और इसलिए आपको लगा की चलो इंटरनेट से थोड़ी खोज कर के देख लेते हैं कि कैसे अपने गुस्से पर काबू पाया जाए।
मुझे पता है जब गुस्सा आता है तो कुछ समझ नहीं आता और सामने वाले की बैंड बजाने को मन करता है। पर जरा रुक के सोचते हैं कि गुस्सा करके किसको फायदा होता है? आपको तो बिलकुल भी नहीं और सामने वाले को तो पता ही नहीं, वो तो अपनी बात कहकर चला गया है और अपनी सिरदर्द हमे दे गया है।
लेकिन क्या किसी ऐसे व्यक्ति के बात पर इतना गौर करना चाहिए जो हमारे दिल को दुखाने की हिम्मत करता है क्यों? हैं कौन ये? अगर वो माता-पिता है तो उनकी बातों का क्या बुरा मानना, उन्होंने तो अपनी पूरी जिंदगी हमारे ऊपर निछावर कर रखी है।
कोई दोस्त है तो उसकी भी बात का क्या बुरा मानना, दोस्तों में तो हंसी मजाक चलता रहता है और उसको दोस्त कहलाने का हक भी तो हमने ही दिया है।
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और अगर कोई ऐसा व्यक्ति है जो हर बार किसी न किसी बहाने आपका दिल दुखाता रहता है, तो कृपया अपने आप पर एहसान करें और उसे अपनी जिंदगी से निकाल फेकें। अगर निकाल नहीं सकते क्योंकि उसके साथ ही रहना पड़ता है फिर ऐसी स्तिथि में उनसे बात न करे, कुछ दिन उनसे दूर ही रहे।
उनसे बात न करने का फायदा ये होगा कि आप दूसरे को समय मिलेगा एक-दूसरे से अलग रहने का और ये इसलिए नहीं कि वो आपको पसंद नहीं या आपको उसे नफरत हो गई है, पर इसलिए क्योंकि आपको खुद से बहुत ज्यादा प्यार है। और कोई भी व्यक्ति या चीज अगर आपको सुख नहीं दे सकती, तो उसे दूर ही रहना बेहतर है।
क्या जरुरत है ऐसे व्यक्ति से बात करने की जो हर समय हमे नीचा दिखाने की कोशिश करता रहता है, सिर्फ इसलिए ताकि वो अपने आप की नजरों में ऊँचा उठ सके।
लेकिन अगर आप ये बात समझते है कि आपको कई बार कुछ ऐसी छोटी-छोटी बातों का बुरा लग जाता है, जो शायद इतनी छोटी है जिसपर शायद दूसरे लोग ध्यान ही न दें।
तो मैं आपके साथ कुछ सरल उपाय शेयर करना चाहता हूँ जिसे फॉलो कर आप अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं।
क्रोध पर कराए गये एक अध्ययन से पता चलता है अमेरिका में 5 व्यक्तियों में से 1 गुस्से को काबू न कर पाने की समस्या से जूझ रहा है। क्रोध से दिल की बीमारी के साथ कई तरह की मानसिक परेशानियों से जूझना पड़ता है।
गुस्से को काबू करने में असफल लोग घर-परिवार, समाज के लिये परेशानी का सबब बन जाते हैं यानि गुस्सा करके अपना ही नुकसान करते हैं।
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अगर किसी बात पर गुस्सा आया है तो कुछ भी बोलने से पहले या अपना प्रतिक्रिया देने से पहले दो बार सोचें, कही ऐसा न हो कि नाराजगी में आप कुछ ऐसा बोल जाएँ जिसके लिए आपको बाद में बहुत दुख हो और पछतावे के कारण आपको ही आगे जाकर माफी मांगनी पड़े।
थोड़ा सा समय लीजिए अपने बात को आसान तरीके से बोलने के लिए और सामने वाले को भी अपना तर्क देने का समय दीजिए।
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अगर आपको जब भी गुस्सा आए तो कुछ अच्छा सोचने लगे। इसके लिए आप अपनी कल्पना शक्ति का इस्तेमाल कर सकते है। कल्पना शक्ति का इस्तेमाल करके आप अपने जीवन की कुछ पुराने अच्छे और सुखद लमहे के बारे में सोच सकते है।
गुस्से को भगाने के लिए भूल जाने का नियम बहुत ही कारगर होता है। इसीलिए आप किसी व्यक्ति से हुई नकारात्मक भावनाएँ को भुला सकते है। किसी ने कुछ बुरा-भला कह दिया तो उसे भुला सकते है।
अगर किसी से कोई ऐसी गलती हुई है कि उसे माफ किया जा सकता है, तो उसे तुरंत माफ कर दें। इस नियम को अपना कर आप बिना वजह के गुस्से से बच सकते है और लोगों की नजर में एक अच्छे व्यक्ति की क्षवि भी बना सकते है।
गुस्सा आने पर गहरी सांस लेना भी जरूरी है। आप 2 मिनट का समय लेकर गहरी-गहरी साँसें लीजिए और अपना सारा ध्यान अपनी सांसों पर ले जाइए। इस तरह आपका मन थोड़ा शांत होगा और आप अपनी बात clearity के साथ कह पाएंगे।
Normally आप दस बार गहरी सांस लें, उतना ही काफी है।
ये सबसे कारगर है जब आप गुस्सा हों तो थोड़ा मुस्कुरा दें, हाँ मुझे पता है, जब गुस्सा आता है तो मुस्कुराना नामुमकिन हो जाता है।
लेकिन एक बार सोचों कि दो लोग लड़ रहें हैं, पति-पत्नी जोर से लड़ रहें हैं, बहुत गुस्सा है एक-दूसरे से, इतने में पत्नी हलकी सी मुस्कराहट दे दें या हल्का सा मुस्कुरा दे, समझो वहीँ सारा tension ख़तम।
आप एक बार जरुर ऐसा कर के देखें और फिर देखना ये magic.
गुस्से को नियंत्रित करने है तो झगड़े की जगह से हट जाए, ये एक कारगर तरीका है अपने गुस्से को काबू करने के लिए। ये मैंने भी काफी बार आजमाया है।
जब कोई गुस्सा हो रहा है तो किसी न किसी बहाने से आप उस जगह से ही हट जाइए।
जैसे अभी कुछ दिन पहले मेरा एक दोस्त मुझसे नाराज हो गया था, मैंने थोड़ी देर सुना पर जैसे ही मुझे लगा कि अब मुझे भी गुस्सा आ रहा है तो बजाय वही उसको जवाब देने के, मैंने उस जगह से हट जाना ही बेहतर समझा।
और बाद में जब वो शांत हो गया और तो हमने आराम से उस बात को discuss किया।
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अगर आप सिगरेट, तम्बाकू, शराब, drugs, खैनी आदि लेते है तो इन्हें तुरंत छोड़ दें क्योंकि ये सभी चीजें गुस्सा बढ़ाने का काम करती है। इसके अलावा ये सभी चीजें आपके स्वास्थ्य पर भी गलत प्रभाव डालती है। इन सभी चीजों से पैसे भी खर्च होते है।
जब भी आप को कभी ज्यादा गुस्सा आ रहा हो तो तुरंत उस जगह से हटकर किसी एकांत जगह में चले जाएं और वहां जाकर बहुत जोर से चीखें और चिल्लाएं।
ऐसा करने से आपके अन्दर का गुस्सा बाहर आ जाता है और आप इस तरीके से खुद को शांत महसूस करने लगेंगे। किसी दूसरे पर गुस्सा करने से बच जायेंगे और खुद भी अच्छा महसूस करेंगे।
अगर आप दिन में दो या तिन बार self help words का प्रयोग करते है तो आपको गुस्सा नहीं आएगा। और अगर आएगा भी तो बहुत कम आएगा। आप इन self help words का प्रयोग कर सकते है, जैसे – मैं एक शांत प्रिय व्यक्ति हूं, मैं हमेशा सकारात्मक सोचता हूं, मैं हमेशा खुश रहता हूं आदि।
अगर आप इन self help words का प्रयोग करते है तो अपने गुस्से पर काफी हद तक काबू पा सकते है। आप इन self help words को खुद भी create कर सकते है।
झगड़ा होना या गुस्सा होना दोनों ही सामान्य स्तिथि हैं। और ये हमारे दैनिक जीवन में होती रहती है। पर बड़ा वही है जो गुस्से का जवाब गुस्से से देने के बजाय थोड़ा सा positive thinking रखते हुए उस बात का समाधान ढूढ सके।
जितने भी कामयाब लोग हैं, ऐसा नहीं है कि उनके जीवन में कोई समस्या नहीं आती, उनको गुस्सा नहीं आता, लेकिन वो लोग उन चीजों का समाधान ढूढ़ते हैं बजाय नाराज होने के।
जब किसी पर गुस्सा हो तो उसको माफ करने का सवाल ही नहीं पैदा होता, जब हम किसी पर नाराज होते है तो हमारे दिमाग में हमेशा यही खयाल आता है कि कभी भी उस व्यक्ति को माफ नहीं करना। पर आप जरा सी कोशिश करे तो सामने वाले को माफ करने में जरा भी वक़्त नहीं लगेगा।
सोच लीजिए कि उसकी ये नादानी है या शायद वो परेशान है इसलिए ऐसा कर रहा है। और उन लोगो के लिए जो हर बार आपको नीचा दिखने के लिए मौका तलासते है तो उनके लिए तो मैं बस इतना कहूँगा कि उन बेचारों की जिंदगी कितनी खाली या निराश होगी जो उनको आपको तकलीफ पहुँचानी पड़ती है अपने को खुश रखने के लिए।
ऐसे लोग गुस्से की नहीं, दया के पात्र होते हैं।
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कभी-कभी ऐसा होता है कि किसी ने कुछ गलत कह दिया या कर दिया जिसने आपके गुस्से को बहुत बढ़ा दिया तो आपका मन करता है कि तुरंत उस व्यक्ति के पास जाएं और उसे बहुत बुरा-भला कहें या फिर उनको कुछ शारीरिक नुकसान पहुंचा दें।
अगर ऐसा गुस्सा आपको आए तो तुरंत उस व्यक्ति के पास न जाएं बल्कि कुछ समय बाद या कुछ मामलों में कुछ दिनों बाद उस व्यक्ति के पास जाएं।
क्योंकि आपके ऐसा करने से समय के साथ आपका गुस्सा शांत हो जाता है और कुछ गलत करने से बच सकते है। तो इंतजार करने का नियम जरुर अपनाएं।
आपको जब भी गुस्सा आए तो एक बहुत अच्छा तरीका ये है कि आप तुरंत 50 तक गिनती शुरू कर दें। इस तरह से आपका mind divert हो जायेगा और आप गुस्सा करने से बच जायेंगे।
इसके अलावा आप अपना mind divert करने के लिए किसी activity में involve हो जाए।
पहली बात – जब आपको गुस्सा आए तो बस यही सोचें कि गुस्से से अपना ही नुकसान ही होता है। सकारात्मक सोचें। मान लीजिए कि आपके teacher या आपके senior ने आपको सबके सामने डांट दिया तो उस वक़्त तो आप कुछ नहीं कह सकते और अपना गुस्सा अपने भीतर ही छिपाए रखते हैं।
डांट सुनने के बाद आपका गुस्सा भड़क जाता है, और इस गुस्से को आप किसी न किसी पर ज़रुर उतारेंगे। ऐसी स्थिति में आप अपने से किसी senior से बात करें जिसे आप सबसे ज्यादा मानते हैं।
ऐसा जरूरी है क्यों कि आप अपने senior के सामने गुस्सा जाहिर नहीं कर सकते। आपका senior आपको सही मार्ग दिखाएगा, आप अपनी बात उनके साथ शेयर करें, क्योंकि बातें शेयर करने से उलझने सुलझती है, और गुस्सा भी control होता है।
क्रोध अत्यंत प्रबल शक्ति है। यह किसी high voltage बिजली के current से कम नहीं है। जब क्रोध भभकता है तो आदमी कुछ सोचने समझने की हालत में नहीं रहता है।
क्रोध करने के बाद हमेशा पछतावा होता है। आदमी तय करता है कि अब दोबारा क्रोध नहीं करेंगे। क्रोध इतनी बड़ी आग है कि उसके साथ जीना कतई संभव नहीं है।
हंसी, खुशी, हताशा, दुख, वेदना, उत्तेजना के साथ शारीरिक परिवर्तन होते हैं, गुस्से में भी ऐसा ही होता है। मनोचिकत्सकों का कहना है कि जब कभी हम गुस्सा करते हैं तब हमारी नसों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। दिल की धड़कन बढ़ जाती है अतिरिक्त edirne hormone की कमी होने लगती है।
गुस्सा करने वाले व्यक्ति को उच्च रक्तचाप (high blood pressure) की बीमारी लग जाती है। यह रोग अगर एक बार लग गया तो जान जाने के साथ ही जाता है, लेकिन उससे पहले कई बीमारियाँ शरीर में अपना घर बना लेती हैं।
मन के अन्य दूसरे भावों की तरह गुस्सा भी एक भाव है, लेकिन अन्य भावों की अपेक्षा यह कहीं अधिक जटिल है, गुस्सा बच्चे बूढ़े सब लोगों में देखा जाता है।
कभी-कभी माहौल और परिस्थितियां ऐसी बन जाती हैं कि हम गुस्सा करने को मजबूर हो जाते हैं और कभी-कभी पहले घटी किसी घटना के कारण या भविष्य में कोई प्रतिकूल घटना होने का आभास होने पर हमें गुस्सा आता है।
क्रोध होने की घटना कमोवेश कर किसी के साथ घट जाती है लेकिन समस्या तब पैदा होती है जब हम अपने गुस्से को काबू नहीं कर पाते हैं। इसलिए मामला हाथ से निकालने से पहले गुस्से को काबू किया जाना जरुरी है।
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