जीवन में वो ही व्यक्ति असफल होते है, जो सोचते है पर करते नहीं
हर व्यक्ति के अन्दर एक छुपी हुई ख्वाहिश होती है, पर कितने ऐसे है जो अपने अन्दर की आग को बहार ला पाते हैं? इनकी संख्या बहुत कम है। सपने तो सभी देखते है पर अपने सपनों को जो पूरा कर पाए वही इंसान सही मायने में अपनी जिंदगी जी पाता है।
इसीलिए कहा गया है कि ” जीवन में वो ही व्यक्ति असफल होते है, जो सोचते है पर करते नहीं “। ये सही है, सोचते-सोचते कब जिंदगी खत्म हो जाती है पता ही नहीं चलता। मैं ये बचपन से सुनता आए हूँ कि ” सोचा हुआ बात कभी पूरा नहीं होता “।
पर मेरा मानना है कि सोच ऐसी हो कि किसी भी काम को करन में आनंद आए, जब हम अपने काम को पूरी लगन को सच्चाई के साथ करते है तो वो काम चाहे कितना भी कठिन क्यों न हो वो आसान लगने लगता है।