जैसा बोओगे, वैसा पाओगे – जैसी करनी, वैसी भरनी- हिंदी प्रेरक कहानी
एक अँधेरी रात में चार चोर चोरी करने की नियत से किसी बड़े अमीर के घर में घुसे। वहां से बहुत धन मिला। वे उसे लेकर जंगल की ओर रवाना हो गए। उन्होंने सोचा कि पहले जंगल के एकांत में थोड़ा आराम करेंगे, फिर धन का बटवारा करेंगे।
चारों चोर आराम करने के बाद उठे तो सुबह हो गई थी। उन्हें बहुत भूख लगी थी। दो चोर नजदीक के शहर में मिठाई लेने के लिए गए। रास्ते में उनके मन में विचार आया कि किसी प्रकार जंगल में बैठे दोनों सथोयों को मारकर उनका धन भी हड़प ले। दोनों ने अच्छी-अच्छी मिठाइयाँ खरीदी और उसमे जहर मिला दिया।
उधर जंगल में बैठे दोनों चोरों की भी नियत बिगड़ी। उन्होंने मिठाई लेने के लिए गए हुए दोनों मित्रों को मारकर उनके हिस्से का धन हड़प लेने का विचार किया। इसके लिए उन्होंने एक तरकीब सोच ली। उन्होंने मिठाई लेकर आए हुए दोनों साथियों से कहा – चलो, हाथ-मुंह धोकर खाने के लिए बैठो। जब वे दोनों कुएं पर जाकर हाथ-मुंह धोने लगे, तब दूसरे चोरों ने उन दोनों को कुएं में धकेल दिया। दोनों तैरना नहीं जानते थे, इसलिए वे फौरन डूब गए।
फिर जंगल वाले दोनों चोर खुश होकर मिठाई खाने लगे। दोनों ने भरपेट मिठाई खाई। थोड़ी ही देर में मिठाई का जहर उनके खून में फैल गया और वे भी वहीँ तड़प-तड़पकर मर गए।
सीख – व्यक्ति दूसरों से जैसा व्यवहार करता है, वैसा ही फल उसे मिलता है। बुरे काम करने वालों को बुरा फल ही मिलता है।
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