सफ़र के दौरान कैसे करे मोबाइल का इस्तेमाल?

Ghumne par mobile ka sahi istemal kaise kare?? बस या ट्रेन में ऊब महसूस होना स्वाभाविक है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप दूसरों की मौजूदगी को नज़रअंदाज़ कर जाएँ। इस दौरान फ़ोन पर बात करते या गाना सुनते समय आपका तौर-तरीका शिष्टाचार के दायरे में होना ज़रुरी है। साथ ही कई और बातों पर भी गौर करें, ताकि आप आलोचना के पात्र न बने।

सफ़र कर रहे है तो इन 7 बातों का रखे ख्याल

1. तेज रिंगटोन से बचे

सफ़र में फ़ोन आए और गाना बजने लगे, तो दस लोग आपको मुड़-मुड़कर देखेंगे। लेकिन इसका अर्थ ये नहीं कि वे आपसे प्रभावित हो गए। इससे यह साबित होता है कि आप में शिष्टाचार की कमी है। वहीँ आसपास अगर कोई बच्चा या बुजुर्ग यात्री सो रहा होगा,तो उसकी नींद में ख़लल पड़ना तो तय है।

ऐसी अप्रिय स्तिथि से बचे और मोबाइल हमेशा धीमी ringtone या vibration पर ही रखें। Text message और Email notification की tones भी धीमी रखें, ताकि किसी को शिकायत का मौका न मिले।

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2. धीमी आवाज़ से करें बात

यात्रा में ऊँची आवाज़ में बात करने यानि खुद के सभ्य होने पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करना है। हो सकता है कि इस तरह घर में दबदबा कायम हो जाए, लेकिन सार्वजनिक स्थान पर यह संभव नहीं है।

सफ़र में शोर और network संबंधित समस्या के चलते भी लोग मोबाइल पर तेज आवाज़ में बात करते है, लेकिन इससे वे दूसरों की तकलीफ़ ही बढ़ाते है। इससे बचने के लिए earphone का इस्तेमाल करें।

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3. भाषा का भी रखें ध्यान

साथ बैठे लोग कौन-से परिचित है या बाद में कहां उनसे रिश्ता निभानी है, यह सोचकर आप भी मोबाइल पर अभद्र भाषा का प्रयोग कर जाते है, तो संभल जाएँ। इससे आप आत्मविश्वासी या बहादुर नहीं, बल्कि असभ्य व्यक्ति जान पड़ते है। ये सुनने के बाद साथ बैठे लोग शायद ही आपसे बात करना पसंद करें, इसलिए शालीनता से पेश आएं, भले ही आप कितने ही गुस्से में क्यों न हों।

4. दूसरों को न सुनाएँ

शोरगुल में बेझिझक speaker ON कर लेते है, क्योंकि आप अपनी मर्ज़ी के मालिक है? यह मानसिकता आपसी तकरार की स्थिति भी बना सकती है। दुसरें यात्रियों की असुविधा को दरकिनार करते हुए उन्हें अपनी बातचीत सुनाने, उनकी निजात में खलल डालने जैसा है। वहां बैठे लोगों के लिए यह एक तरह का शोर है, इसलिए ऐसा व्यवहार करने से बचे। ज़रूरी हो तो message में बात करें।

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5. व्यक्तिगत बातों से बचे

ट्रेन में ऐसे ऐसे बातचीत करना जैसे घर में बैठे हों या इस बात की परवाह न करना कि दूसरों के बीच क्या बोलना है क्या नहीं, बहुत गलत है। लम्बे सफर में यह आदत आपको ने केवल अन्य यात्रियों से अलग-थलग करता है, बल्कि मुसीबत भी खड़ी कर सकता है। ऐसे में जेब फटने, लूटपाट होने, यहाँ तक कि जान जाने का जिखिम भी बन जाता है। सार्वजनिक जगहों पर तेज आवाज़ में पैसों से संबंधित लेन-देन जैसी बातें से हमेशा बचे। कोशिश करें कि बातचीत कम अवधि की हो।

6. केवल आपकी ही रूचि है

सफ़र खुशनुमा बनाने के लिए आप तेज music का मुफ्त उठाते है। भले ही उसके लिए आपको दूसरों की बातें क्यों न सुननी पड़ जाए। मगर इस तरह क्या वाकई आगे का सफर तनाव-मुक्त रह पाएगा? अपने शौक के लिए दूसरों को परेशान करना कहां तक उचित है? अगर संगीत सुनना ही चाहते है तो earphone का इस्तेमाल करें, लेकिन दूसरे आपको टोकें ऐसी नौबत न लाए।

7. आप अकेले नहीं

कई लोग station पर लगे सार्वजनिक charging point पर अन्य यात्रियों की सुविधा का ध्यान न रखते है और बैठने वाली जगह को चप्पल से खराब कर देते है। इसी तरह बोगी में मौजूद charging point पर भी कब्ज़ा करने से गुरेज नहीं करते। ऐसे में ध्यान रखें कि साथ में यात्रा कर रहें अन्य यात्रियों को भी अपना mobile charge करना पड़ सकता है।

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