कुक्कुर खांसी को काली खांसी अथवा अंग्रेजी में हूपिंग कफ (whooping cough) कहा जाता है। यह सामान्य खांसी से भिन्न होती है। यह खांसी अधिकतर 10 वर्ष की आयु के बालकों को होती है। कभी-कभी बड़ी आयु वालों को भी होती है। काली खांसी का इलाज
प्रकार- यह एक प्रकार की संक्रामक बीमारी है जो एक दूसरे को उड़कर लग जाती है आवाज- इस खांसी में बालक कुत्ते की तरह खासता है तथा खांसी उठते समय जब सांस लेता है तब हुप हुप की आवाज करता है । अवस्थाएं- इसकी तीन अवस्थाएं होती हैं पहली अवस्था 8 से 10 दिन तक रहती है इसमें थोड़ा बुखार और सूखी खांसी रहती है दूसरी अवस्था में पहले जैसी खांसी नहीं रहती लेकिन खांसी घुटने पर अत्यधिक बेचैनी होती है तीसरी अवस्था जो 45 से 90 दिन तक की होती है मैं रोग आराम होता है।
क्यूँ होती है कुक्कुर यानी काली खाँसी
कुक्कुर खाँसी यानी की काली खाँसी के होने के पीछे का कारण है बोर्डेटेल्ला परट्यूसियानामक एक जीवाणु। यह जीवाणु आपके साँस लेने के नली और आपके फेफड़े के बीच में एक कसाव बना देता है जिससे अआपकी साँस फसती है और आप कुत्तों के तरह खांसते हैं। ध्यान दें कि रोगी से दूरी बनाए रखें। क्यूंकि यह खाँसी संक्रामक है जो आसानी से एक रोगी से दुसरे व्यक्ति को भी हो सकती है।
क्या रोकथाम है जरूरी ?
कुक्कर खाँसी के पीछे का हाँथ बोर्डेटेल्ला परट्यूसिया जीवाणु है। काली खाँसी अक्सर बच्चों को ही होती है और इसके पीछे का कारण है टीके न लगवाना। बच्चे के जन्म के बाद एक टीका जरूरी होता है उस टीके का नाम है ”परट्यूसिया”। परट्यूसिया टीका काली खाँसी के जीवाणु को बचाने में जिन्दगी भर साथ निभाता है। इसलिए बच्चे के जन्म के बाद आप डॉक्टर से यह निश्चित कर लें कि इस टीके को कब लागाना है।
अंग्रेजी दवाइयाँ
- इरिथ्रोमाइसिन (उपयोग – 7 से 10 दिन तक )
- एम्पीसिलि (उपयोग – 7 से 10 दिन तक )
- एंटीबायोटिक्स
नोट: इन दवाइयों का इस्तेमाल आप एक प्रशिक्षित डॉक्टर की मदद से ही करें।
काली खाँसी के लिए पतंजली की दवा ( kali khansi ke liye patanjali dawa)
नाम – स्वसारी प्रवाही (केमिकल रहित दवा है जो हर तरह की खाँसी का इलाज करती है )
कुछ घरेलू उपाय:
अमरुद है कारगर
काली खाँसी का इलाज अमरुद की मदद से किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए आपको अमरुद के साथ कुछ छेड़-छाड़ करनी पड़ेगी। दरअसल काली खाँसी से छुटकारा पाने के लिए अमरुद को तवे में सेकें और जब इसका रंग कुछ बदल जाए तो इसे बच्चे या काली खाँसी से पीड़ित आदमी को खिला दें। इससे आपको कुक्कुर खाँसी से बहुत ही जल्द राहत मिलेगी।
नारियल का तेल
नारियल का तेल तो हर किसी के घर में होगा। इससे काली खाँसी को ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आप तेल को गरम करें और ठंडा होने पर दिन में 3 बार 2 चम्मच पिलाएं। काली खाँसी का इलाज इस तरीके से कुछ ही दिनों में काम कर देगा।
बादाम भी है असरदार
इसका इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है। इसके लिए आप बादाम को रात में भिगो कर रख दें। अब जब सुबह यह अच्छी तरह से फूल जाए तो 2 बादाम को लहसुन की एक कली और मिसरी के साथ पीस कर इस पेस्ट को रोगी को खिलाएं। इससे कुक्कुर खाँसी को आसानी से ठीक किया जा सकता है।
लहसुन
लहसुन का रस काली खाँसी से निजात दिलाने में अत्यंत गुणकारी है। लहसुन को पीसकर उसका अच्छी तरह से रस निकल लें। अब आप 1 चम्मच रस में 2 बूँद शहद मिला लें और पी ले। इससे खाँसी को आसानी से ठीक किया जा सकता अहि। इस तरकीब को आप दिन में 4 से 5 बार अपनाएं काली खाँसी का इलाज इस तरीके से संभव है।
फिटकरी भी है इसका इलाज
5 ग्राम फिटकरी को एक पाँव पानी में उबाल लें और इसका इस्तेमाल दिन में 4 से 5 बार करे। इससे काली खाँसी दूर हो जाती है।
पान का रस
पान के 3 पत्तों का रस निकालकर उसमे लहसुन का 4 बूँद रस मिलाकर पीने से भी काली खाँसी को जड़ से ख़तम किया जा सकता है।
लौंग भी है असरकारक
2 लौंग, 2 काली मिर्च और 2 इलायची इन तीनों को तवे को हल्का भून लें। अब इसे पीस कर इसे शहद के साथ रोगी को चटायें। काली खाँसी को ठीक किया जा सकता है।
तुलसी रस
तुलसी के 10 पत्ते ले लीजिये और इसका रस निकल लीजिये अब इसमें लहसुन के रस को 4 से 5 बूँद मिलाएं। इसमें 3 बूँद शहद मिलाकर रोगी को पिला दें। इससे कुत्ते की तरह खाँसी से आराम मिलता है।
मिटटी का तेल
मिटटी के तेल की 2 बूँदें बच्चे के गले में लगाकर मालिश करें। इससे भी कुत्ते की तरह खाँसी से आराम मिलता है।
इसके लिए बना हुआ नेचुरोपैथी इलाज
कुत्ते की तरह खांसने वाली खाँसी का नेचुरोपैथी से बड़े ही आसानी से इलाज संभव किया जा सकता है। तो चलिए कुछ नेचुरोपैथी इलाज को जानते हैं जिन्हें आप ट्राई कर सकते हैं।
नारंगी पानी है कारगर
कुत्तों के तरह खांसने वाली खाँसी यानि की कूकूर खाँसी का इलाज नारंगी पानी से किया जा सकता है। इससे काली खाँसी को बड़े आसान ढंग से निरूपित किया जा सकता है। नेचुरोपैथी की यह विधा काली खाँसी से राहत दिलाने के लिए बहुत लाभदायक है। तो चलिए जानते हैं कि काली खाँसी के इलाज के लिए नारंगी पानी का निर्माण कैसे करें। काली खांसी का इलाज
इस पानी को तैयार करने की विधि बहुत ही आसान है। इसके लिए कुछ टिप्स फॉलो करे :
क्या चाहिए?
- आपको एक ऑरेंज कलर की बोतल की जरूरत होगी।
- साफ़ पानी।
- लकड़ी का एक टुकड़ा।
कैसे तैयार करें ?
ऑरेंज कलर वाले बोतल को अच्छी तरह से साफ़ कर लें। साफ़ करने के लिए अप टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें। अब इस बोतल में साफ पानी को डाल दें। अब इस पानी सहित बोतल को धूप में लकड़ी के टुकड़े के ऊपर रख दें। अब जब 7 से 8 घंटे का वक्त बीत जाए तब इस पानी को पे लें।
नोट: बोतल को छत या फर्श के ऊपर रखने से सावधान रहें क्यूंकि इससे रिएक्शन सही तरीके से नहीं हो पाता है। इसके लिए आप सिर्फ और सिर्फ लकड़ी के कट्ठे का ही इस्तेमाल करे। काली खांसी का इलाज
काली खाँसी के लिए नीचे दिए गए आयुर्वेदिक इलाज को इस्तेमाल करें
काली खांसी कैसे दूर करें काली खांसी को दूर करने के घरेलू उपाय और बच्चों की काली खांसी कैसे ठीक करें के बारे में हमने घरेलू इलाज, अंग्रेजी दवाईयम, नेचुरोपैथी इलाज, और काली खाँसी के लिए पतंजली प्रोडक्ट को पढ़ लिया है। अब चलिए काली खांसी को दूर करने के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में जानते हैं यह सभी इलाज गरीब विशेष डॉक्टरों की मदद से लिखे गए हैं इसे अपनाने में देरी न करें।
1 आधा पाव गाय के दूध और आधा पाव पानी में थोड़ा सा गाय का घी डालकर पकाएं जब पानी जलकर दूध जितना बचे तब उसमें थोड़ी मिश्री मिला दे। इसमें से थोड़ा-थोड़ा दूध दिन में दो से तीन बार पिलाने से पुरानी कुकुर खांसी यानी पुरानी काली खांसी का इलाज हो जाता है।
2. अक्सर यह प्रश्न पूछा जाता है कि काली खांसी कैसे दूर करें इसके लिए हल्दी बायबिडंग दालचीनी और नागकेसर इन चारों को 4-4 ग्राम ले। अब इन चारों को अच्छी तरह से पीस लें। जब इसका चूर्ण बन जाए तो दो चुटकी चूर्ण 1 ग्राम शहद में मिलाकर चाटने से कुकुर खांसी और खांसी को ठीक किया जा सकता है।
3 काकड़ासिंगी, अतीस, दालचीनी तथा छोटी इलायची के बीज बराबर-बराबर लेकर अच्छी तरह से पीस लें। जब यह अच्छी तरह से बन जाए तब इसके दो चुटकी चूर्ण को थोड़े से शहद में मिलाकर चाहते चाटने से कफ निकल कर खांसी की पीड़ा शांत हो जाती है और काली खांसी का इलाज हो जाता है।
4 सौंफ, मुलेठी दाग तथा आग में भुनी हुई बड़ी इलायची के बीज बराबर बराबर मात्रा में ले ले और इन सभी को अच्छी तरह से पीसकर इन का चूर्ण बना लें अब इस चूर्ण में शहद मिलाकर चाटने से कुक्कुर खांसी दब जाती है और काली खांसी का इलाज संभव हो जाता है।