क्या पैसा ही सब कुछ है?

लोग कहते हैं कि बाप बड़ा ना भईया सबसे बड़ा रुपया। कई लोगों को लगता है कि ये बिलकुल सही है। वे कहते है कि आखिर पैसों से ही रोटी, कपड़ा और मकान ख़रीदा जा सकता है। समाज में पैसे के बारे में एक लेख में लिखा था ‘अगर उधार लेने के लिए पैसे का इस्तेमाल बंद कर दिया जाए, तो एक महीने के अंदर इस दुनिया में हाहाकार मच जाएगा और युद्ध छिड़ जाएगा।

लेकिन ये बात भी सच है कि पैसे से सब कुछ नहीं ख़रीदा जा सकता। कहते है न कि पैसे से खाना तो ख़रीदा जा सकता है लेकिन भूख नहीं, दवाइयाँ तो खरीदी जा सकती है लेकिन स्वास्थ्य नहीं, सोने के लिए अच्छा बिस्तर ख़रीदा जा सकता है लेकिन मीठी नींद नहीं, किताबें तो खरीदी जा सकती है लेकिन बुद्धि नहीं, ऐशों आराम की चीजें खरीदी जा सकती है लेकिन खुशी नहीं, बहुत से लोगों से जान-पहचान तो हो सकती है लेकिन सच्चे दोस्त नहीं मिल सकते, नौकर तो रखे का सकते है लेकिन उनकी वफ़ादारी नहीं खरीदी जा सकती।

जब एक व्यक्ति को पैसे के बारे में सही जानकारी होती है, तो वो इस बात को ध्यान में रखता है कि पैसा बस एक ज़रिया है जिससे वह जरूरत पूरी कर सकता है, पैसे बटोरना उसकी जीवन का लक्ष्य नहीं होता। अगर हम इस तरह सोचेंगे, तो हम ज्यादा खुश रह पाएंगे। पैसे का प्यार तरह-तरह की बुराइयों की जड़ है और इसमें पड़-कर कुछ लोगों ने कई तरह की दुख तकलीफों से खुद को छलनी कर देते है।

जरा इस बात पर ध्यान दीजिए कि पैसा नहीं, बल्कि पैसे का प्यार हम पर समस्या लाता है। इसमें कोई शक नहीं है कि पैसे के पीछे भागने से दोस्तों और परिवार के बीच दरार आ सकती है।

पैसे और लोगों की सोच

पैसे के बारे में गलत सोच रखने की वजह से कुछ लोग दूसरों के बारे में गलत राय कायम कर लेते हैं। उदाहरण के लिए – एक अमीर आदमी शायद ये मान बैठे कि कुछ लोग गरीब इसलिए होते है क्योंकि वे आलसी (lazy) है और अपने खुद की परिस्थिति को सुधारना नहीं चाहते।

या एक गरीब व्यक्ति शायद ये मान बैठे कि अमीर लोग पैसे से प्यार करते है और लालची होते है। जरा सोनिया नाम की लड़की के उदाहरण पर ध्यान दीजिए – वे एक अमीर खानदान से है, जिस वजह से लोगों ने उसके बारे में गलत राय कायम कर लिया है। वो बताती है – ‘मुझे देखकर सब यही कहते थे कि में आमिर बाप की बेटी हूँ, हर बार लोग मुझसे कहते – तुम्हें किस चीज की कमी है जो चाहिए papa से मांग लो या फिर माफ करना हम तुम्हारे तरह अमीर नहीं है और तुम्हारे papa की तरह अच्छी-अच्छी car नही ख़रीद सकते’।

आखिरकार मैंने अपने दोस्तों से साफ-साफ कह दिया कि वे इस तरह की बातें न करे और उन्हें समझाया कि क्यों उनकी बातें मुझे चुभती है। मैं चाहती थी कि लोग मुझे देखकर ये न सोचे कि ये तो अमीर खानदान की लड़की है, बल्कि ये सोचे कि ये लड़की हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहती है।

तुम्हारे जीने के तरीके में पैसा का प्यार न हो और जो कुछ तुम्हारे पास है उसी में satisfy करे – जो इंसान संतुष्ट रहता है, कई बार उसे भी पैसे की चिंता होती है। लेकिन वो जानता है कि पैसा ही सब कुछ नहीं है, इसलिए वो इस बारे में हद से ज्यादा tension नहीं लेता। पैसे के भारी नुकसान हो जाने पर ऐसा इंसान बहुत परेशान नहीं होता।

जो अपने पैसे पर भरोसा रखता है वो गिर जाता है

विशेषज्ञों का कहना है कि पैसे की वजह से कोई पति-पत्नी तलाक ले रहे हैं। कई बार तो पैसे की समस्या होने की वजह से लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं। अफसोस की बात है कि कुछ लोगों के लिए अपनी शादी के बंधन से, यहाँ तक कि उनकी जान से भी प्यारा है उनका पैसा। वही दूसरी तरफ, ऐसे लोग भी हैं जो पैसे के बारे में सही सोच रखते हैं और उस पर भरोसा नहीं रखते। चाहे इंसान के पास बहुत कुछ हो, तो भी उसकी जिंदगी उनकी संपत्ति के बदौलत नहीं होती।

पैसे और भेदभाव

गरीब से उसके पड़ोसी भी दूर रहते है, पर अमीरों के दोस्त बहुत होते है – ये बात असलियत में सच है। पैसे के बारे में हम जो सोच रखते है, कई बार हम उसी हिसाब से लोगों के पास पेश आते है। जैसे – हो सकता है कि हम गरीब लोगों को पसंद न करे, क्योंकि हमे उनसे कोई फायदा नहीं हो सकता। वही दूसरी तरफ हो सकता है कि हम अमीर लोगों की चापलूसी करे, ताकि वे हमे पसंद करे और शायद आर्थिक रूप से हमारी मदद कर सके।

किसी व्यक्ति की status देखकर भेदभाव करना गलत है, फिर चाहे कोई कम पैसे-वाले को न पसंद करे या अपने फायदे के लिए खास-खास लोगों के सामने उनकी तारीफों के पुल बांधे। क्यों न आप यह ठान लें कि आप सभी लोगों को एक ही नजर से देखेंगे और सभी के साथ एक जैसा ही पेश आयेंगे?

पैसे के बारे में आपका क्या नज़रिया है?

खुद से कुछ सवाल करने और उनका ईमानदारी से जवाब देने पर शायद आप पाए कि आपको पैसे के बारे में सही नज़रिया बनने की जरूरत है। आप खुद से ये questions पूछ सकते है–

  • क्या मुझे रातों-रात अमीर बनने के सपने दिखने वाले तरकीबे पसंद है?
  • जब दूसरों के लिए पैसा खर्च करने की बात आती है तो क्या मैं पीछे हट जाता हु?
  • क्या मैं ऐसे friends बनाता हूँ, जो हमेशा पैसे और अपनी चीजों के बारे में ही बात करते रहते है?
  • क्या मैं पैसा बनाने के लिए झूठ बोलता हूँ या बेईमानी करता हु?
  • क्या पैसा आ जाने पर मैं खुद को बहुत कुछ समझने लगता हु?
  • क्या में हर time पैसे के बारे में ही सोचता हु?
  • पैसे के बारे में मेरा जो नज़रिया है, क्या उस वजह से मेरी health खराब हो रही है और family member के साथ मेरा relation बिगड़ रहा है?

अगर आप ऊपर दिए गए इन questions में से कुछ के जवाब ‘हाँ‘ में दिया है, तो खूब पैसा बनाने के ख़्वाहिश को ठुकराइए।

पैसे के प्यार को अपने दिल में कभी मत पड़ने दीजिए। हमेशा याद रखिये कि आपके friends, आपके family के members और अपनी health पैसे के कही ज्यादा अनमोल है। अगर आप इन बातों को ध्यान में रखें, तो आप ये जाहिर करेंगे कि आपके लिए पैसा ही सब कुछ नहीं है।