मेरा प्रिय खिलाड़ी- निबंध

मेरा प्रिय खिलाड़ी- निबंध, Hindi essay: महानता के फूल प्रत्येक क्षेत्र में खिलते हैं। खेलों की दुनिया में भी अपनी खुशबू फैलाने वाले लाजवाब फूलों की कमी नहीं है। आज क्रिकेट जगत में महकते फूलों में सचिन तेंडुलकर एक बहुत ही लोकप्रिय नाम है। सचिन के बिना भारतीय टीम अधूरी लगती है। पाँच फुट चार इंच के छोटे कद का यह खिलाड़ी नित नई ऊँचाइयाँ सर करता जा रहा है। यही सचिन मेरा प्रिय खिलाड़ी है।

सचिन का जन्म 16 अप्रैल, 1973 को मुंबई में हुआ था। क्रिकेट के प्रति उनमें बचपन से ही रूचि थी। तिन-चार वर्ष का नन्हा सचिन घर के आँगन में ही क्रिकेट खेला करता था।बल्लेबाज वह खुद था और गेंदबाज उसकी माँ करती थी। उसके क्रिकेट खेल का श्रीगणेश यहीं से हुआ।

विद्यालय में पढ़ते समय वहाँ की टीम में उसने जल्द ही अपनी जगह बना ली। गुरु रमाकांत आचरेकर से उसने क्रिकेट का गहरा प्रशिक्षण लिया। अंतवृध्यालिक क्रिकेट स्पर्धाओं में उसने अनेक बार खुलकर अपने करतब दिखाए अन्त्विध्यालिक क्रिकेट स्पर्धाओं रणजी मैचों में भी उसने शतक पर शतक लगाए। इस तरह वह क्रिकेट-विशेषज्ञों की नजरों में चढ़ गया।

hindi nibandh hindi essay
मेरा प्रिय खिलाड़ी- हिंदी निबंध 400 Words

सन 1989 में सचिन को भारत की राष्ट्रिय टीम में शालिम किया गया। तब उसने उम्र के 16 वर्ष भी पुरे नहीं किए थे। तब से आज तक वह भारतीय क्रिकेट दल का सितारा बल्लेबाज बना हुआ है। टेस्ट मैचों में उसने 39 शतक बनाए हैं। एक दिवसीय मैचों में उसके शतकों की संख्या 41 है। एक दिवसीय मैचों में मार्च 2008 तक सबसे पहले 16,000 से अधिक रन बनाने वाला वह दुनिया का पहला खिलाड़ी है।

सचिन की बल्लेबाजी देखते ही बनती है।वह हर गेंद को बड़ी खूबी से पिटता है। उसके चौके ओए छक्के दर्शकों का मन मोह लेते हैं। मैदान का ऐसा कोई कोना नहीं जहाँ उसका बल्ला गेद को न भेजता हो। सचिन को आउट करने की विपक्षी गेंदबाजों की सभी तरकीबें विफल हो जाती है।

सचिन एक महान खलाड़ी ही नहीं, एक सज्जन व्यक्ति भी हैं। वह पूरी इमानदारी से अपना आयकर चुकाता है। प्रसिद्धि और पैसों ने उसे अभिमानी नहीं बनाया है। उसके चरित्र और व्यवहार के बारे में कभी कोई शिकायत सुनने में नहीं आई। उच्च कोटि का बल्लेबाज होने के साथ ही वह एक चतुर गेंदबाज भी हैं। एक दिवसीय मैचों में वह एक सौ पचास से ज्यादा विकेट ले चूका है। क्षेत्र-रक्षण में भी उसकी चुस्ती-फुर्ती देखते बनती है।

स्व. डॉन ब्रेडमेन के शब्दों में सचिन ‘क्रिकेट जगत की एक जादुई वास्तविकता’ है। सचमुच, सचिन क्रिकेट का बेताज बादशाह है।

इसे भी पढ़ें-