RAM क्या है? DDR1 DDR2 DDR3 और DDR4 RAM में क्या अंतर है?

इस पोस्ट मे बताया गया है की कंप्यूटर मे RAM क्या होती है what is ram in computer in Hindi और रैम कितने प्रकार की होती है, Types of RAM और DDR क्या है तथा डीडीआर1, डीडीआर2, डीडीआर3 और डीडीआर4 रैम में क्या अंतर है, हम रैम को देख कर कैसे पहचान सकते है की यह कौन से डीडीआर की रैम है तथा कंप्यूटर मे रैम का क्या महत्व है Importance of RAM in computer In Hindi.

रैम क्या है? What is RAM?

(RAM kya hai) रैम का पूरा नाम Random-Access Memory है। यह एक हार्डवेयर डिवाइस है, जो कंप्यूटर पर सूचनाओं को संग्रहीत (Stored ) और पुनर्प्राप्त (retrieved) करने की अनुमति देता है। यह कंप्यूटर की अस्थाई मेमोरी (Temporary memory) होती है। यूजर द्वारा input किया गया कोई भी data सबसे पहले रैम में संग्रहित किया जाता है और फिर जरूरत पड़ने पर सीपीयू द्वारा रैम से प्राप्त कर लिया जाता है।

रैम में Data अस्थाई रूप में संग्रहित रहता है, Computer Shut down करने पर या Power supply बंद कर देने पर रैम में संग्रहित डाटा मिट जाता है, इसलिए रैम को वोलेटाइल (Volatile) या अस्थाई मेमोरी भी कहते है।

RAM Computer, Smartphone से लेकर Gaming Console आदि सभी उपकरणों में सबसे महत्वपूर्ण components में से एक है। RAM के बिना, कोई भी कंप्यूटर सिस्टम बहुत धीमी गति से कार्य करेगा। रैम विभिन्न क्षमता या आकार की होती हैं जैसे- 64 MB, 512MB, 1GB, 2GB, 4GB आदि। 

रैम के प्रकार – Types of RAM

RAM क्या है? DDR1 DDR2 DDR3 और DDR4 RAM में क्या अंतर है?
RAM क्या है? DDR1 DDR2 DDR3 और DDR4 RAM में क्या अंतर है?

पर्सनल कंप्यूटर में मुख्यता निम्न प्रकार की रैम प्रयोग में लाई जाती है (RAM kitne tarah ki hoti hai)-

  1. डायनैमिक रैम (DRAM) 
  2. सिन्क्रोनस रैम (SDRAM)
  3. स्टैटिक रैम (SRAM)

(1) डायनैमिक रैम (DRAM) 

DRAM का Full form Dynamic Random Access Memory होता है। कंप्यूटर मेमोरी की category में डायनैमिक रैम सबसे अधिक साधारण मेमोरी है, इस मेमोरी को बार-बार refresh करने की आवश्यकता पड़ती है (यहां पर refresh का अर्थ मेमोरी चिप को विद्युत आवेशित करने से है।) यह एक सेकंड में लगभग हजारों बार refresh होती है तथा प्रत्येक बार refresh होने के पर इसमे संग्रहित विषय वस्तु (data) को मिटा देती है। इसके जल्दी-जल्दी रिफ्रेश होने के, लक्षण के कारण ही इसकी गति (Speed) दूसरी रैम की अपेक्षा बहुत धीमी होती है।

(2) सिन्क्रोनस रैम (SDRAM)

SDRAM का Full form Synchronous Dynamic random access memory होता है। इस प्रकार की मेमोरी चिप सामान्य DRAM की तुलना में ज्यादा तेज होती है, इसका कार्य भी डायनैमिक रैम की तरह ही होता है परन्तु इसकी गति, Dynamic ram से तेज होती है, इसकी तेज गति होने का कारण यह है कि यह सीपीयू की, घडी की गति के अनुसार चलती है जिसके कारण यह दूसरी रैम की अपेक्षा डाटा को तेजी से स्थानांतरित करती है।

(3) स्टैटिक रैम (SRAM)

SRAM का Full form Static random access memory होता है। स्टैटिक रैम का Refresh rate बाकी सभी RAM से काफी कम होता है जिसके फलस्वरूप यह Data को अधिक समय तक रखती है और इसकी गति भी बाकि रैम की तुलना मे ज्यादा होती है। यह सभी प्रकार के रैम की अपेक्षा अधिक महँगी होती है। इसका प्रयोग ज्यादातर विशिष्ट उद्देशीय कंप्यूटर के लिए किया जाता है।

DDR क्या है? What is DDR in Computer RAM?

DDR का Full form Double data rate है, यहाँ पर डाटा रेट का मतलब है कि RAM एक Clock Cycle में कितने Signal transmitted करता है, तो DDR per clock cycle में दो बार डेटा स्थानांतरित करता है, यह SDR का उन्नत संस्करण है, क्योकि SDR एक Clock cycle में एक बार संकेत भेजता है।

DDR में डाटा high frequency तथा low frequency दोनों में होता है जबकि SDR मे data केवल high-frequency पर होता है, तो इस तरह हम देखते है कि DDR में SDR की अपेक्षा दोगुना (Double) तेजी से data का transmission होता है इसलिए इसे Double data rate कहते है।

Microprocessors के साथ संयोजन में CPU और north bridge, के बीच डेटा ले जाने के लिए DDR का उपयोग किया जाता है। DDR को dual pumped rate, double pumped rate or double transition rate भी कहते हैं। 

DDR1, DDR2, DDR3 और DDR4 रैम में क्या अंतर है?

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि DDR का मतलब होता है Double data rate और जो DDR हैं वह SDR का updated version है, ठीक वैसे ही DDR2, DDR1 का तथा DDR3, DDR2 का और DDR4, DDR3 का अपडेटेड वर्जन है यदि हम सीधे शब्दों में कहें तो DDR1,2,3 और 4 यह सब RAM की पीढ़ियां (Generation) है। 

जब भी आप मार्केट में रैम लेने जाते हैं तो आपने देखा होगा कि कई प्रकार की रैम आती है, जैसे DDR1, DDR2, DDR3 और DDR4 तो हर किसी के मन में यह सवाल आता है कि इनमे क्या अंतर है, आखिर इनमें से कौन सी रैम सबसे अच्छी होती है तो आइये जानते है-

DDR1 RAM – DDR का सबसे पहला संस्करण सन् 2000 में देखने को मिला, यह रैम 2.5 volt औऱ 2.6 Volt पर कार्य करती थी और इसकी अधिकतम क्षमता 128mb की थी तथा गति 100-200 MHz थी, उस समय DDR1 ram सबसे तेज रैम थी।

DDR2 RAM – यह रैम सन् 2003 के करीब बाजार में आई। यह रैम 1.8 volt पर काम करती थी, जो कि DDR1 रैम से काफी कम था जिसके कारण इसकी अधिकतम क्षमता दोगुनी होकर 2056MB (2GB/Module) हो गई है। और इसकी गति 200-400 MHz तक पहुंच गई। 

DDR3 RAM – भले ही DDR2 रैम DDR1 से तेज भी परन्तु हमे अभी भी और तेज तथा ज्यादा storage वाली रैम की अवश्यकता थी, इसलिए सन् 2007 में DDR3 रैम को लागा गया। जिसकी गति 400-1066MHz थी और यह 1.5 volt और 1.65 volt पर कार्य करती थी, जिसके कारण इसमे DDR2 की तुलना में लगभग 30% कम बिजली की खपत होती है, तथा इसकी क्षमता 8GB per module है। आजकल ज्यादातर समान्य कंप्यूटर सिस्टम मे DDR3 RAM का ही प्रयोग किया जाता है।

DDR4 RAM – यह चौथी पीढी का रैम पिछली सभी रैम की तुलना मे सबसे तेज और कम power consumption वाली रैम है, इसे 2014 मे लॉच किया गया। DDR4 RAM 1.05 और 1.2 Volt पर कार्य करती है, हालांकि इसके कई मॉड्यूल 1.05 Volt पर चलते हैं। इसमे गति को काफी बढ़ा दिया गया है, वर्तमान में, 32GB per Module है, मतलब आपको एक single ram stick मे 32GB तक की रैम देखने को मिल सकती है लेकिन भविष्य मे इससे अधिक भी हो सकती है।

क्र.RAMReleaseClock rateTransfer rateVoltage
1DDR12000100-200200-400 MT/S2.5/2.6V
2DDR22003200-400400-1066 MT/S1.8V
3DDR32007400-1066800-2133 MT/S1.5/1.65
4DDR42014800-16001600-3200 MT/S1.2/1.05V

DDR1, DDR2, DDR3 और DDR4 रैम की पहचान कैसे करें?

जैसा कि आप जानते हैं बाजार में कई प्रकार की रैम आती है जो दिखने में जो सामान्य तौर पर देखने पर एक ही जैसी लगती है, तो अब हर किसी का यह सवाल होता है की, मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरी रैम डीडीआर1,डीडीआर2, डीडीआर3 या डीडीआर4 है, How do I know if my RAM is DDR1, DDR2, DDR3 or DDR4?

आप नीचे दिये गये इन 5 तरीकों से पहचान सकते हैं कि आपके पास जो रैम है वह कौन से DDR की है। 5 ways you can identify which DDR is the RAM you have in Hindi.

  1. रैम मे बने कट आउट मार्क (Notch) के द्वारा।
  2. रैम मे लगी Integrated Chip (IC) से।
  3. रैम की पिन की संख्या के द्वारा।
  4. रैम के Voltage के द्वारा।
  5. Windows task Manager से।

(1) रैम मे बने कट आउट मार्क (Notch) के द्वारा रैम की पहचान करना

रैम के बीच में जो छोटा सा कट आउट मार्क होता है उसे Notch कहते हैं। आप इस Notch की सहायता से यह पता लगा सकते हैं कि यह कौन सी रैम हैं क्योंकि हर रैम पर यह Notch एक अलग दूरी पर होता है, वैसे तो यह सभी रैम में एक जैसा ही दिखता है परंतु यदि आप ध्यान से देखें तो आप पाएंगे कि यह कट मार्क हर रैम में एक अलग दूरी पर है इसे आप नीचे दिए गए चित्र के द्वारा समझ सकते हैं।

difference between DDR1, DDR2, DDR3 and DDR4 RAM

(2) रैम मे लगी Integrated Chip (IC) से रैम की पहचान करना।

  • DDR1 में लगी IC रैम के ऊपर और नीचे दोनों को छूती है। 
  • DDR2 RAM में IC DDR1 से छोटी तथा रैम के centre में होती है। 
  • DDR3 RAM में एक छोटी और चौकोर IC लगी होती है।
  • DDR 4 रैम में भी DDR3 की तरह छोटी और चौकोर IC रहती हैं लेकिन, दो पंक्तियों में, उपरोक्त चित्र में देखें।

(3) रैम की पिन की संख्या के द्वारा रैम की पहचान करना।

  • DDR1- 184 Pins
  • DDR2- 240 Pins
  • DDR3- 240 Pins
  • DDR4- 288 Pins

(4) रैम के Voltage के द्वारा रैम की पहचान करना।

वोल्टेज के द्वारा भी हम रैम की पहचान कर सकते हैं परंतु इसके लिए हमें रैम के सॉकेट को देखना होगा क्योंकि वोल्टेज motherboard पर लगे सॉकेट पर लिखा होता है जो कि निम्न प्रकार से है-

  • DDR1 voltage- 2.5 V.
  • DDR2 voltage- 1.8 V.
  • DDR3 voltage- 1.5 V.
  • DDR4 voltage- 1.2 V.

(5) Windows task Manager का प्रयोग करके रैम की पहचान करना।

सबसे पहले, अपने पीसी पर task Manager Launch करें और Performance Tab टैब पर क्लिक करें। अब, left column से memory विकल्प चुनें,और right में सबसे ऊपर देखें। यहाँ पर आप देख सकते कि आपके पास कितनी रैम है, और आपके द्वारा किस प्रकार की रैम का उपयोग किया जा रहा है।

कंप्यूटर में रैम का महत्व – Importance of RAM in computer

जैसा कि आप जानते हैं हमारे कंप्यूटर सिस्टम में मुख्यतः दो प्रकार की मेमोरी होती है Primary और Secondary memory , सेकेंडरी मेमोरी अर्थात Hard Disk में कंप्यूटर का Operating system install किया जाता है तथा User अपना Data भी हार्ड डिस्क मे save करके रखता है, तो फिर हम कंप्यूटर में रैम का प्रयोग क्यों करते है? आखिर हमें कंप्यूटर सिस्टम में रैम की आवश्यकता क्यों होती है, क्या रैम कंप्यूटर सिस्टम के लिए सच में इतनी महत्वपूर्ण है आइए जानते हैं- 

रैम एक प्रकार का कंप्यूटर डाटा स्टोरेज है जब हम Keyboard द्वारा कंप्यूटर में कुछ लिखते हैं तो यह डाटा सबसे पहले रैम में स्टोर किया जाता है और फिर उसके बाद CPU द्वारा Process करके Display किया जाता है, उसके बाद यदि उपयोगकर्ता चाहे तो इसे Hard Drive में save कर सकता हैं। 

रैम डाटा को यादृच्छिक क्रम (Random Order) मे स्टोर करती है। इसलिए यदि सीपीयू किसी एक विशिष्ट जानकारी को access करना चाहता है तो वह बहुत तेजी से कर सकता है जबकि कुछ अन्य प्रकार के स्टोरेज डिवाइस जैसे hard drive, random access नहीं होते। 

उदाहरण के लिए एक हार्ड डिस्क और एक सीडी एक पूर्व निर्धारित क्रम (Predetermined Order) में Read और Write करते हैं, इनमें डाटा एक क्रम में स्टोर होता है, जिसके कारण इनमें किसी विशिष्ट जानकारी को खोजने के लिए अधिक समय लगता है जिससे इसकी गति बहुत धीमी हो जाती है इसलिए हमें कंप्यूटर में रैम की आवश्यकता पड़ती पड़ी है।

आपके कंप्यूटर का संपूर्ण प्रदर्शन (Performance) इस बात से निर्भर करती है कि आपका CPU और RAM एक साथ कितनी अच्छी तरह काम करते हैं। आपके CPU में जितनी अधिक रैम है, उसका काम उतना ही आसान हो जाता है, जो एक तेज़ कंप्यूटर को सक्षम बनाता है। यदि आपके पास पर्याप्त मात्रा में RAM नहीं है, तो आपके CPU को डेटा ट्रांसफर करने में बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जो कंप्यूटर के Performance को धीमा (Slow) कर सकती है।

रैंडम एक्सेस मेमोरी आपके सिस्टम सॉफ्टवेयर की भी मदद करती है। सॉफ्टवेयर के प्रत्येक feature को सही ढंग से चलाने के लिए न्यूनतम मात्रा में स्थान और मेमोरी की आवश्यकता होती है। यदि आपके कंप्यूटर में आपके द्वारा चलाए जा रहे सभी सॉफ़्टवेयर सिस्टम का समर्थन करने के लिए पर्याप्त RAM नहीं है, तो वे इतनी धीमी गति से कार्य करते हैं कि उसमे कार्य करना काफी कठीन हो सकता है। अतः हम कह सकते है की रैम कंप्यूटर सिस्टम का एक अति महत्वपूर्ण भाग है और इसे कंप्यूटर के प्रोसेसर या हार्ड ड्राइव के समान ही महत्वपूर्ण माना जा सकता है।