आज के इस पोस्ट में हम RTI के बारे में जानेंगे, RTI क्या है, RTI का Full Form क्या है, RTI कैसे काम करता है, RTI कानून का मकसद क्या है इत्यादि। आज हम इन सब विषयों के बारे में आपको विस्तार से बताएंगे। अगर आप RTI के बारे में संपूर्ण जानकारी लेना चाहते हैं, तो हमारे इस आर्टिकल को विस्तार से पढ़ कर समझ लीजिए।
RTI क्या है? इसका Full Form
राइट टू इनफार्मेशन यानी सूचना का अधिकार(RTI) ने आम लोगों को अपना अधिकार लेने के लिए जागरूक करने मे काफी योगदान दिया है। RTI, जम्मू कश्मीर को छोड़कर देश के बाकी सभी जगहों में यह कानून लागू है। RTI का मुख्य कार्य यही है कि इसके तहत आप सरकारी कार्य से संबंधित अपने काम की हर एक जानकारी ले सकते हैं।
RTI का उद्देश्य
अगर बात करें सरकारी व्यवस्था की तो सरकारी क्षेत्र के हर एक काम में लोगों को बहुत सारी परेशानियां आती है और इन्हीं परेशानियों को सवाल बनाकर लोग RTI के तहत सरकार से सवाल पूछ सकते हैं। RTI का मुख्य मकसद यही होता है की सरकार को, लोगो द्वारा पूछे गए सवालो का जवाबदेह तय करना ताकि देश में भ्रष्टाचार कम हो सके। यह एक ऐसा कानून है, जो आम लोगों को ताकतवर और मजबूत करता है। साथ ही इस कानून के लिए सरकार ने केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोग का गठन किया है।
- RTI से आप सरकार से कर(Tax) की सूचना ले सकते हैं।
- सरकार के किसी भी दस्तावेज की जांच करा सकते हैं।
- RTI से आप दस्तावेज की प्रमाणित कॉपी ले सकते हैं।
- सरकारी कामकाज में इस्तेमाल होने वाले सामग्री का नमूना ले सकते हैं।
- इसके तहत आप किसी भी कामकाज का निरीक्षण कर सकते हैं।
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RTI के तहत आने वाले कुछ धाराएं

धारा 6 (1) – यह धारा RTI के आवेदन लिखने का धारा है।
धारा 7 (3) – इस धारा के अनुसार अगर RTI का जवाब 30 दिन के अंदर नहीं आता है तो सूचना निशुल्क में दी जाएगी।
धारा 7 (5) – इस धारा के अनुसार BPL कार्ड वालों के लिए RTI निशुल्क होता है। उन्हें कोई फीस नहीं देनी पड़ती है।
धारा 8 – इसके अनुसार वह सूचना RTI के तहत नहीं दी जाएगी, जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा हो या विभाग के अतिरिक्त जांच को प्रभावित करती हो।
धारा 18 – अगर कोई अधिकारी जवाब नहीं देता तो उसकी शिकायत सूचना अधिकारी को दी जा सकती है।
धारा 19 (3) – अगर आपके द्वारा की गई प्रथम अपील का कोई भी जवाब नहीं आता है। तो इस धारा की मदद से आप 90 दिन के अंदर अधिकारी को दूसरी अपील कर सकते हैं।
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत ली गयी व्यवस्था है। अगर किसी आम आदमी का कोई भी सवाल हो तो सरकार को उस सवाल का जवाबदेही होना पड़ेगा। वह सवाल कुछ भी हो सकता है, जैसे अगर आपके बच्चों के स्कूल के टीचर्स अक्सर स्कूल में अनुपस्थित रहते हैं, या आप जहां रहते हैं वहां के सड़क परिवहन की व्यवस्था ठीक नहीं है, या फिर कोई भी सरकारी अफसर किसी काम को करने से पहले आप से रिश्वत की मांग करें, सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और दवाइयों की कमी के कारण आपके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हो या फिर राशन की दुकान पर राशन ना मिले इत्यादि।
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अगर ऐसी कोई भी समस्या हो, तो आप सूचना के अधिकार यानी RTI के तहत सरकार को एप्लीकेशन लिख कर दे सकते हैं। और RTI के तहत अपनी समस्या को समाधान करने के लिए सरकार से गुहार लगा सकते हैं।
इस कानून को सिर्फ भारतीय नागरिक के लिए ही बनाया गया है। इसमें निगम, यूनियन या कंपनी, को कोई भी सूचना देने की कोई आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि यह नागरिकों के परिभाषा में नहीं आते हैं। अगर कोई कंपनी, यूनियन, एनजीओ, के कर्मचारी या कोई भी अधिकारी RTI दाखिल करता है तो उसे अवश्य सूचना दी जाती है।
लेकिन वह सूचना उसे सिर्फ आम नागरिक के हिसाब से ही दी जाती है, ना कि निगम या यूनियन के अधिकारी होने के नाम पर। RTI के जरिए कोई भी आम नागरिक को टेप, वीडियो कैसेट, या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक प्रिंटआउट के रूप में सूचना मांगने का अधिकार प्राप्त होता है।
ऐसे कानून व्यवस्था में रिटेंशन पीरियड होती है। यानी सरकार की तरफ से सूचना मांगने के लिए, जितने वक्त तक रिकॉर्ड सरकारी विभाग में रखने का प्रावधान होगा उतने वक्त तक की सूचनाएं ही मांगी जा सकती है।
यह सब RTI विभाग के दायरे में आते हैं –
- सभी चुनाव आयोग
- सरकारी बैंक
- सरकारी दफ्तर
- सरकारी अस्पताल
- पुलिस बल
- संसद और विधान मंडल
- राष्ट्रपति. प्रधानमंत्री, राज्यपाल, और मुख्यमंत्री दफ्तर
RTI आवेदन कैसे लिखे?
अगर आप किसी कारण से RTI एप्लीकेशन लिखना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। आपको सिर्फ सादे कागज पर अपने हाथ से लिखना है या आप चाहे तो टाइप करके भी यह भेज सकते हैं।
आपको इसमें ₹10 की फीस देनी पड़ती है। आप अपनी एप्लीकेशन, उससे संबंधित अधिकारी के पास खुद भी जा कर दे सकते है या आप चाहे तो डाक द्वारा भी भेज सकते। आप हिंदी, इंग्लिश किसी भी स्थानीय भाषा में एप्लीकेशन लिख कर दे सकते हैं।
आपको अपने एप्लीकेशन में लिखना होगा कि आपको क्या सूचना चाहिए और कितने समय की सूचना चाहिए। RTI के आवेदक को सूचना मांगने के लिए कोई भी पर्सनल सूचना देने की जरूरत नहीं होती है।
आपको उस एप्लीकेशन में सिर्फ अपना पता यानी एड्रेस देना होगा। उसके साथ आपको अपना कोई भी फोन या मोबाइल नंबर देना होगा। अगर आप नहीं भी देते हैं तो उसमें कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन अगर आप उसमें अपना नंबर देंगे तो आपसे संपर्क करने में सूचना देने वाले विभाग को आसानी होगी।
जब आप एप्लीकेशन में आवेदन करें तो आप अपने आवेदन पत्र की जेरॉक्स कॉपी(Xerox Copy) करवा कर जन सूचना अधिकारी से Receive जरूर ले ले।
RTI से जुड़े कुछ प्रमुख Websites
https://rtionline.gov.in/ — इस साइट पर जाकर केंद्र सरकार के किसी भी विभाग से आप जानकारी प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं
https://rtionline.gov.in/guidelines.php?appeal — RTI से जुड़ी सभी जानकारी और गाइडलाइन इस वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं।
http://delhigovt.nic.in/rti — अगर आप दिल्ली से हैं तो आप RTI से जुड़ी जानकारी इस वेबसाइट पर जाकर ले सकते हैं। और फॉर्म भी डाउनलोड कर सकते हैं।
RTI एप्लीकेशन डालते वक्त फीस कैसे दें?
आम जनता के लिए, केंद्र और दिल्ली से संबंधित सूचना लेने की फीस 10 रुपये है। आप फीस नगद, डिमांड ड्राफ्ट, या पोस्टल आर्डर से दे सकते हैं। डिमांड ड्राफ्ट के पीछे और पोस्टल में आपका नाम और पता लिखना होता है। आप ऑर्डर कहीं से भी खरीद सकते हैं।
गरीबी रेखा के नीचे की कैटेगरी में आने वाले आवेदको को किसी तरह की कोई फीस देने की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन आपको इसका प्रमाण देना पड़ता है। आपको अपनी बीपीएल सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी निकाल कर एप्लीकेशन के साथ भेजनी पड़ती है।
RTI एप्लीकेशन भेजने के बाद अगर अधिकारी 30 दिन के बाद डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने के नाम पर आप से अतिरिक्त धनराशि जमा कराने की बात कहे, तो यह गलत होता है। ऐसे में रूल के हिसाब से अधिकारी आपको मूफ्त डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराते हैं चाहे उनकी संख्या कितनी भी हो।
आपकी एप्लीकेशन खारिज कब होती है?
* अगर आप जो एप्लीकेशन भेजेंगे वह किसी दूसरे जन सूचना अधिकारी या पब्लिक अथॉरिटी के नाम पर हो तब आपका एप्लीकेशन स्वीकार्य नहीं होगा।
* अगर आप इसका सही तरह से भुगतान नहीं करते हैं तो भी आपका एप्लीकेशन ख़ारिज हो जाएगा।
* अगर आप गरीबी रेखा से नीचे के परिवार से हैं और उसके तहत छूट मांग रहे हैं और तब अगर आप इसका प्रमाण पत्र नहीं दे पाते है तो उसके कारण भी आपकी एप्लीकेशन स्वीकार नहीं किया जायेगा।
* अगर कोई सूचना दिए जाने से सरकारी विभाग कके किसी चीज का कुछ गलत इस्तेमाल होने की शंका हो तो आपका एप्लीकेशन खारिज होने की संभावना है।
सेकंड अपील कैसे और कहां करें?
अगर आपकी पहली अपील दाखिल करने के 45 दिन के अंदर जवाब नहीं मिलता या उनके द्वारा दिए गए जवाब से आप संतुष्ट नहीं होते हैं, तो आप 45 दिन के अंदर राज्य सरकार की पब्लिक अथॉरिटी के लिए उस राज्य के स्टेट इनफार्मेशन कमीशन के पास या केंद्रीय प्राधिकरण के लिए सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमीशन के पास दूसरी अपील दाखिल कर सकेंगे। और जो लोग दिल्ली से हैं, वह लोग दूसरी अपील को सीधे सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमीशन में कर सकेंगे।
विचार
तो कैसी लगी आपको हमारी यह पोस्ट? आशा करते हैं, आपने इस पूरे Article को Read किया होगा और RTI के बारे में आपको कंपलीट नॉलेज प्राप्त हो चुका होगा। बहुत से लोग आईटीआई के बारे में नहीं जानते और जानकारी के अभाव से हमें कई बार काफी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। अगर हमारे मन में किसी बात को लेकर कोई शंका या सवाल है तो हमें तुरंत उस बात का जवाब प्राप्त होना चाहिए ताकि कुछ गलत ना हो।
RTI को सरकार ने जनता की सुविधा के लिए ही शुरू किया है और लोगों की परेशानियां करते हुए आज की तारीख में यह एक बहुत ही फेमस विभाग बन चुका है। RTI की सबसे अच्छी बात यह भी है कि इसमें समय सीमा निर्धारित होती है और हमें उसी टाइम लिमिट के अंदर जवाब प्राप्त हो जाता है। यह एक ऐसी व्यवस्था है जो सरकार के ऊपर जनता के विश्वास को और ज्यादा गहरा करती है और जनता को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
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अगर आपको भी अभी तक RTI के बारे में पता नहीं था तो I Hope आपको अच्छा लगा होगा यह जानकारी लेकर और आशा करते हैं आगे से आपको सरकारी किसी भी कार्य में कोई दिक्कत नहीं आएगी और अपने हर सवाल का जवाब आप उचित समय के अंदर पा सकेंगे। इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।