जीवन से जुड़ी सोचने वाली बात इसे जरुर पढें – Must read it

तुम अपने जीवन को छोटा मत समझो, इसे पापी और बुरा भी मत समझो, उनमें आप में कोई भी अंतर नही है। बस एक ही अंतर है कि तुम उठना नहीं चाहते, प्रार्थना नहीं करते। उन्होंने प्रार्थना की थी, हृदय में चाहता की थी। परमात्मा सबका एक ही है, और वह सबके लिये एक जैसा भी है। परन्तु जैसे लकवा का मारा हुआ मनुष्य अपना हाथ नहीं उठा सकता, ऐसे ही हमारी इच्छाएं निर्जीव हो गई है। उनमें यह आवाज, वह उत्साह और वह आह नहीं रही, कि जिससे आकाश कम्पित होने पर उनका सिंहासन कम्पित हो जाता है और वह तत्काल जीव की ओर देखने लगते हैं।

मनुष्य ने एक बात समझी नहीं जो बहुत ही समझने और विचार करने की है। वह यह है कि – वह नहीं जानता कि मेरा सुख, मुझ से नहीं – दूसरे से है। दूसरों को सुख दो, तो तत्काल तुम्हें सुख मिलेगा। इसमें आजमाने की बात नहीं है, सीधी और सच्ची बात है। दूसरों की आत्मा को सुख देना हजारों तीर्थों से बढ़कर है, भूखे और निर्धन मनुष्य को भोजन देना, सहस्त्रों तपस्याओं से भी अधिक है।

एक घटना लिखी थी कि दो आदमी एक तीर्थ यात्रा को चले। उनमें एक धनी था, बहुत सा रुपया उसके पास था, दूसरा निर्धन था, बड़ा परिश्रम करके कुछ रुपये इकट्ठा किये थे और उसके साथ चल दिया था। मार्ग में एक दिन उन्हें रात्रि को कहीं ठहरने की जरुरत पड़ी। अंधेरा हो गया था। वे उस गांव में रात्रि व्यतीत करने का स्थान ढूढ़ने लगे। आगे एक छोटा सा कच्चा मकान मिला, उसमें किवाड़ नहीं था, टाट का एक पर्दा पड़ा हुआ था, भीतर एक दिया जल रहा था। दोनों भीतर गये, और देखा उस घर की मालकिन बीमार है, चारपाई पर पड़ी कराह रही है, छोटे-छोटे दो-तीन बच्चे रोटी के लिये रो रहे हैं।

गरीब ने कहा – भाई, आज यहीं ठहर जाएँ?

धनी बोला – तुम ठहरो, मैं तो यहाँ कोई सराय या धर्मशाला देखूँगा, जहाँ आराम मिले।

वह चला गया वह गरीब साथी वहीं रह गया। उसने पहले अपना खाना खोला और बच्चों को बाँट दिया। फिर उस स्त्री से पूछा – तुम्हें क्या कष्ट है?

वह बोली – मैं विधवा हूं, मेरे यह तीन बच्चे हैं, मैं नित्य मजदूरी करके पेट पालती थी, परन्तु तीन दिन से बीमार हूं, घर में कुछ है नहीं। बच्चे भूखे तड़प रहे हैं। इन बच्चों का दुख नहीं देखा जाता। मैं गरीब तो थी ही परन्तु बीमारी ने और भी गरीब बना दिया,परन्तु प्रभु जो करेंगे अच्छा ही करेंगे, मुझे उन पर पूरा भरोसा है।

वह यात्री बोला – बहन, दुखी मत हो। मैं तुम्हारी सहायता करूँगा। उसने खाना उसे भी दिया, रात को वहीँ सोया।

सवेरे वह उठा। एक वैध को लाया, औषधि दिलवाई साथ ही घर के लिए भोजन का सब सामान लाया। वह स्त्री भी बैठी हुई, भोजन बनाया, सबने पेट भर के खाया। वह फिर बाजार गया, बच्चों के लिए कुछ कपड़े, उस स्त्री को भी एक साड़ी, कुछ और ओढ़ने-बिछाने के कपड़े लाया। खाने का कई दिन का सामान ले आया। ऐसे उसे सेवा करते कई दिन बीत गए और उसके पैसे भी पूरे खर्च हो गया। अत: वह लौट कर घर आ गया।

दूसरा साथी उस तीर्थ में पहुंचा, जहाँ जान था। वह मन्दिर में दर्शन को गया, देखा कि – उसका वह साथी सब से आगे भगवान की प्रतिमा के पास ही खड़ा है और दोनों हाथ ऊपर किए आनंद विभोर हो रहा है। वहां और कोई जा भी नही सकता था। मन्दिर से निकलकर बहुत तलाश किया, परन्तु मिलना नहीं हुआ। आखिर में जब वह घर आया तो दोनों मिले।

उस मालदार साथी ने कहा – भाई तुम तो मुझसे पहले पहुँच गये, और वहां खड़े थे जहाँ कोई भी नहीं जा सकता था। यह कैसे हुआ? यह सुनकर उसके आंखों से आंसू बह निकले। बोला – मैं तो बस उस दुखिया के घर चार दिन ठहर कर चला आया, मेरा खर्च भी समाप्त हो गया था।

साथी बोला – भाई, तुम्हारी यात्रा सफल हुई, उस दुखिया की सेवा से ही तुम्हें वह स्थान मिला जो देवताओं को भी मिलना कठिन है। मैं वह आनंद नहीं पा सका।

मेरी और आपकी आत्मा मिली हुई है। अत: मैं तुम्हें सुख दूंगा तो मुझे भी मिल जायेगा। तुम इस महान आकाश को देखते हो, यह बहुत बड़ा है, परन्तु इसमें लाखों मकान भी बने हैं, हर मकान (कमरे) का आकाश छोटा है। आकाश सदैव है सदैव रहेगा। मकान बनते रहेंगे, बिगड़ते रहेंगे। ऐसे ही यह शरीर बनते बिगड़ते रहते हैं परन्तु उस आकाश रूप आत्मा में कोई अंतर नहीं पड़ता। अत: हमारा वह जीवन भी अनादी है। शरीरों के न रहने से उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता इसलिए ऐसे जीवन को बेकार ही मत बहा दो।

जिवन बदल देने वालि 11 अच्छी बातें

अभी तुम्हारे ऊपर बहुत कम जिम्मेदारियां हैं इसलिए दुनिया घुमो।

मुश्किल जगहों की यात्रा करो। खोजने किये यात्रा करो। उन जगहों की यात्रा करो जो तुम्हें यह सोचने के लिए चुनौती दे कि तुम क्या बनना चाहते हो।

कुछ बनो। दूसरों के जीवन पर काम करने या दूसरों की बैठकों में भाग लेने में अपना समय जाया मत करो।

पढ़ो, सिर्फ उन्ही चीजों के बारे में नहीं पढ़ो जिन्हें तुम जानते हो। लोगों के बारे में पढ़ो। लोगो को पढ़ो।

Meetings ऐसी चीज है जहाँ विचार नष्ट हो जाते हैं। अगर तुम किसी corporate job में हो और तुम्हें यह लगता है कि तुम इसे छोड़ सकते हो तो ऐसा ही करो। छोड़ दो।

TV देखना बंद करो। मत देखो। ये तुम्हें किसी मायने में बेहतर नहीं बना रहा है।

लोगों पर तब तक यकीन करो जब तक वे तुम्हें उनपर यकीन न करने का कारण दे दें। लेकिन तुम भले मत बने रहना। कुछ तुम्हारी लेने के लिए हमेशा तैयार हैं।

कुछ लोग तुम्हारी life को हमेशा के लिए बदल देंगे। उन्हें खोजो। तुम्हें ऐसे अदभुद लोग चाहिए जो तुम्हारे लिए उतना करे जितना तुम उनके लिए करो।

कभी late मत होना। दूसरों के वक़्त की कद्र करो। तुम्हारे late होने से यह जाहिर होता है कि तुम दूसरों की और उनके वक़्त की परवाह नहीं करते।

जब तुम कुछ सीखते हो तब तुम पनपते हो। हर बार पनपने, सीखने और असफल होने के बाद तुम यह पता लगाने में बेहतर हो जाते हो कि सफल किस तरह होना है।

सफलता, ऐसा कोई point नहीं है जिसपर तुम सफल हो रहोगे। twenties में नहीं कभी नहीं। इस fact को समझ लो और कुछ बनना शुरू करो।

अगर आपको seo friendly article लिखवाना हो, वेबसाइट बनवाना हो, अपने ब्लॉग का setup करवाना हो तो हमसे whatsapp के जरिये संपर्क करें. हमारा whatsapp नंबर है-
9583450866

1 thought on “जीवन से जुड़ी सोचने वाली बात इसे जरुर पढें – Must read it”

  1. दिलीप कुमार

    पहले तो आप लोगों को धन्यवाद देना चाहूंगा और उनका भी जो इन पोस्ट को पढते है जिससे मुझे बहुत खुशी मिलती है बस मै तो यह कहना चाहुगा आपका एसे ही हमें मार्गदर्शन मिलता रहे तो हमारा देश भारत फिर से जगतगुरु के रूप उठ खडा हो जायेगा.

Comments are closed.