क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की है कि आखिर इस तिरंगे को किसने बनाया? क्या आपको पता है कि शहीदों पर लिपटे हुए तिरंगे का क्या होता है? आज आपको राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे से जुड़ी ऐसे ही कुछ बातें बताएँगे।

1. भारत का राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा नाम से संबोधित करते है। इस नाम के पीछे की वजह इसमे इस्तेमाल होने वाले तीन रंग है, केसरिया, सफेद और हरा।
2. भारत के राष्ट्रीय ध्वज में चरखे की जगह अशोक चक्र लिया गया तो महात्मा गाँधी नाराज हो गये थे। उन्होने ये भी कहा था कि मैं अशोक चक्र वाले झंडे को सलाम नही करूँगा।
3. पार्लियामेंट ही एक ऐसी जगह है जहां पर एक साथ 3 तिरंगे फहराए जाते है।
4. किसी स्टेज पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाला मुंह दर्शक की तरफ हो तो तिरंगा हमेशा दाहिनी तरफ होना चाहिए।
5. राँची का पगड़ी मंदिर भारत का अकेला ऐसा मंदिर है जहां तिरंगा फहराया जाता है। 493 मीटर की ऊचाई पर देश का सबसे ऊँचा झंडा भी राँची में ही फेहराया गया है।
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6. देश में flag code of India नाम का के क़ानून है, जिसमे तिरंगे को फहराने के कुछ नियम-कायदे निर्धारित किए गये है।
7. अगर कोई व्यक्ति flag code of India के तहत गलत तरीके से तिरंगा फहराने का दोषी पाया जाता है तो उसे जैल भी हो सकती है।
8. तिरंगा हमेशा सूती, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए। प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही है।
9. तिरंगे का निर्माण हमेशा चौकोन आकर में होगा। जिसकी अनुपात 3:2 ही होना चाहिए। जबकि अशोक चक्र का कोई माप तय नही है, सिर्फ़ इसमे 24 तिलिया होनी जरूरी है।
10. सबसे पहले लाल, पीले और हरे रंग की समस्तरीय (horizontal) पट्टियों पर बने झंडे को 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चोक (ग्रीन पार्क), कोलकाता में फहराया गया था।
11. झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना ग़ैरक़ानूनी है।
12. किसी भी गाड़ी के पीछे, नौका या हवाई जहाज में तिरंगा इस्तेमाल नही किया जा सकता। इसका इस्तेमाल किसी बिल्डिंग को ढकने में भी नही किया जा सकता है।
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13. किसी भी स्तिथि में झंडा जमीन पर छूना नहीं चाहिए।
14. झंडे का इस्तेमाल किसी भी तरह का यूनिफॉर्म या सजावट के समान में नहीं हो सकता।
15. भारत में बंगलोर से 420 किलोमीटर दूर हुबली एक ऐसा licensed institute है जो झंडा बनाने का और आपूर्ति करने का काम करता है।
16. किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊँचा या उपर नही लगा सकते और ना ही बराबर रख सकते है।
17. लोगो को अपने घरों या ऑफीस में आम दीनो में भी तिरंगा फहराने कि इजाजद 22 दिसम्बर 2002 के बाद मिली।
18. तिरंगे को रात में फहराने की इजाजत 2009 में दी गई।
19. भारत के संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्रीय विभूति की मृत्यु हो जाती है तब कुछ समय के लिए झंडे को झुका दिया जाता है। लेकिन सिर्फ़ उसी भवन का तिरंगा झुका रहेगा, जिस भवन में उस विभूति का पार्थिव शरीर रखा है। जैसे ही पार्थिव शरीर को भवन से बाहर निकाला जाता है वैसे ही झंडे को पूरी ऊँचाई तक फहरा दिया जाता है।
20. देश के लिए जान देने वाले शहीदों के शरीर को तिरंगे से लपेटा जाता है। इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ और हरी पट्टी पैरो की तरफ होनी चाहिए। शव के साथ तिरंगे को जलाया या दफनाया नही जाता बल्कि हटा दिया जाता है। बाद में या तो उसे गोपनिया तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता है या फिर वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधी दे दी जाती है। कटे-फटे या रंग उड़े हुए तिरेंगे के साथ भी ऐसा ही किया जाता है।
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